600 याचिकाओं पर सुनवाई, हाई कोर्ट ने कहा पूर्व आदेश रहेगा यथावत

बिलासपुर। शिक्षकों की 600 याचिकाओं पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि 11 सितंबर को जारी यथास्थिति का आदेश जारी रहेगा। इसमें किसी तरह की कोई राहत नहीं दी जा रही है। कोर्ट के आदेश से स्पष्ट है कि 11 सितंबर से पहले जिन शिक्षकों की रिलिविंग हो गई है वे पुरानी जगह पर ज्वाइन कर सकते हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि शिक्षकों की पदोन्नति फिलहाल प्रभावित नहीं होगी।
सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया है कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों, संबंधित पक्षों के विद्वान वकील की दलीलों, रिट याचिका के रिकार्ड में उपलब्ध दस्तावेजों, अन्य समान रिट याचिकाओं में पारित यथास्थिति आदेश को ध्यान में रखते हुए विशुद्ध रूप से एक अंतरिम उपाय के रूप में यह निर्देश दिया जाता है कि यथास्थिति बनाए रखें।
याचिकाकर्ताओं की पोस्टिंग के संबंध में 11 सितंबर 2023 को जारी आदेश यथावत रहेगा। सुनवाई की अगली तिथि तक आदेश पर अमल करने के निर्देश जारी किए हैं। शिक्षक पदोन्नति व पदस्थापना के प्रकरण में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 11 सितंबर को यह आदेश पारित किया है कि जो स्थिति 11 सितंबर को जारी किया गया है वही यथास्थिति दोनों पक्षों के द्वारा बनाकर रखी जाए।
इसका अर्थ यह है कि अगर रिलीव हो गए हैं तो न नई जगह ज्वाइन कर सकेंगे और न ही पुरानी जगह ज्वाइन कर सकेंगे अर्थात रिलीव ही रहेंगे। पदोन्नति आदेश रद नहीं होगा। कोर्ट ने कहा है कि संबंधित याचिकाकर्ताओं के वकील को निर्देश दिए जाते हैं कि वे 10 दिनों के भीतर यदि कोई चूक हो तो उसे सुधार कर ठीक करें। ऐसा न करने पर रिट याचिका को आगे संदर्भित किए बिना स्वत: खारिज कर दी जाएगी। कोर्ट ने रिट याचिकाओं का जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।
अंतरिम राहत को लेकर हुई सुनवाई
अंतरिम राहत रोक देने की अर्जी पर भी सुनवाई हुई। इन रिट याचिकाओं में राज्य द्वारा जारी आदेश चार सितंबर 2023 को चुनौती दी गई है, जिससे संबंधित संभागीय संयुक्त निदेशक द्वारा जारी संबंधित याचिकाकर्ताओं के संशोधित पोस्टिंग आदेश को रद कर दिया गया है।
याचिकाकर्ताओं ने निम्न बिंदुओं को आधार बनाया
- शासन द्वारा दूषित आदेश पारित किया गया है।
- याचिकाकर्ताओं को उनका पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया।
- एकपक्षीय कार्यमुक्त किया गया।
- दूरी ज्यादा होने के कारण आवेदन किया गया था जो मान्य करते हुए सक्षम अधिकारी द्वारा संशोधन आदेश जारी किया गया।
- कार्यभार ग्रहण करने के बाद भी एकतरफा कार्यमुक्त किया गया।
- पदांकन के बाद संशोधन के लिए प्रस्तुत आवेदन को स्वीकार्य कर संशोधन आदेश जारी किया गया।
- पदांकन आदेश में संशोधन किये जा रहे हैं यह जानकारी होने पर होने पर आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसे सक्षम अधिकारी द्वारा मान्य करते हुए संशोधन किया गया।