DGP अशोक जुनेजा को छह महीने का एक्सटेंशन: राज्य के प्रस्ताव पर केंद्र ने लगाई मुहर…

रायपुर। पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा अब फरवरी तक अपने पद पर बने रहेंगे। राज्य की विष्णुदेव साय सरकार द्वारा उनके एक्सटेंशन के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूर कर लिया है। यह मंजूरी मात्र 24 घंटे में ही दे दी गई और आनन फानन में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। अशोक जुनेजा को यह एक्सटेंशन उनके रिटायरमेंट से ठीक पहले दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में एक्सटेंशन का यह पहला केस…
बता दें कि, छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से अभी तक न तो किसी डीजीपी को एक्सटेंशन हुआ है और न ही चीफ सिकरेट्री का। इस लिहाज से अशोक जुनेजा पहले डीजीपी होंगे, जिन्हें छह महीने का एक्सटेंशन मिलने जा रहा है। इससे पहले दो चीफ सिकरेट्री को एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव जरूर गया था मगर भारत सरकार ने मना कर दिया था।
सत्ता और संगठन में एकमत न होने का मिला फायदा…
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार डीजीपी को लेकर आख़िरी समय तक पशोपेश में थी। सत्ता और संगठन में सहमति नहीं बनने के कारण जुनेजा के रिटायरमेंट के महज 2 दिन पहले आनन-फानन में एक्सटेंशन का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया। उनकी जगह नया डीजीपी बनाने के लिए जब राज्य सरकार ने आईपीएस का पैनल केंद्र को नहीं भेजा तो उसी समय माना जा रहा था कि जुनेजा ही DGP का पद संभालेंगे।
साय सरकार ने भेजा था प्रस्ताव…
राज्य सरकार ने अशोक जुनेजा को 6 माह का एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर्स को भेजा था। 24 घंटे के अंदर ही फाइल इतनी तेजी से घूमी कि मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर्स के द्वारा प्रपोजल स्वीकार कर केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को इसकी स्वीकृति के लिए प्रपोजल भेज दिया गया। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय की अप्वाइंटमेंट कमेटी ने प्रपोजल को मंजूरी दे आदेश भी जारी कर दिया।
नक्सल मोर्च पर बड़ी कामयाबी…
गौरतलब है कि, डीजीपी जुनेजा के नेतृत्व में नक्सल मोर्चे पर छत्तीसगढ़ में जिस तरह कामयाबी मिली है, उससे इसमें कोई संशय नहीं था कि अगर राज्य से प्रस्ताव जाएगा तो भारत सरकार मना कर दें। क्योंकि, पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों के खात्मे को जमकर भुनाया।
बता दें कि, 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अशोक जुनेजा सरल, सहज और गंभीरता से अपने काम के लिए पहचाने जाते हैं। सेंट्रल डेपुटेशन पर भी काम करने का अच्छा खासा तर्जुबा भी रखते हैं। जुनेजा रमन सरकार में इंटेलिजेंस चीफ के रूप में भी काम संभाल चुके हैं। बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर में एसपी के रूप में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। गृह सचिव के रूप में भी उन्होंने कार्यभार संभाला है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, खेल संचालक की हैसियत से भी जुनेजा काम कर चुके हैं। पुलिस मुख्यालय में रहते हुए उन्होंने सशस्त्र बल, एडमिनिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग जैसी जिम्मेदारी निभाई है। सेंट्रल डेपुटेशन के दौरान जुनेजा नारकोटिक्स में काम कर चुके हैं। साथ ही कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान उन्होंने सुरक्षा प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली है।