कांग्रेस ने महतारी हुंकार रैली पर कसा तंज…कहा कि भाजपाइयों को पहले उत्तरप्रदेश, बिहार, गोवा और गुजरात को देखना चाहिए
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में भाजपा की महतारी हुंकार रैली पर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपाइयों को पहले उत्तरप्रदेश, बिहार, गोवा और गुजरात को देखना चाहिए। वहां महिलाओं पर अपराध की क्या स्थिति है।
ये सभी राज्य छत्तीसगढ़ से काफी आगे है। भाजपा अब विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर इस तरह से प्रोपेगेंडा चला रही है। वहीं, कांग्रेसियों ने रेल बंदी के विरोध में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को काला झंडा दिखाने का ऐलान किया है।
कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर भाजपा को महिलाओं की याद आ रही है। स्मृति ईरानी की महतारी हुंकार रैली चुनावी प्रोपेगंडा है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री को हुंकार रैली में शामिल होने से पहले कम से कम होमवर्क तो कर लेना चाहिए और पता करना चाहिए था कि डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में महिला अपराध पर छत्तीसगढ़ देश में हमेशा अव्वल रहा है। वर्तमान में देश में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, बिहार जैसे राज्य छत्तीसगढ़ से बहुत आगे है।
नोटबंदी के बाद छत्तीसगढ़ में ट्रेन बंदी
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि हमने जोन आंदोलन लाठी खाने के लिए नहीं किया था। हमने क्या सोचकर रेल आंदोलन किया और अब हमारे साथ क्या हो रहा है। रत्नगर्भा धरती के गरीब बेटे आज रेलवे और केन्द्र सरकार की मनमानी के चलते अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
पिछले एक साल में सात बार रेलवे प्रशासन ने दबाव के बाद रेल चलाना तो दूर एक सप्ताह के भीतर दबाव खत्म होते ही लोगों को नोटबंदी की तरह संभाग की जनता को काउन्टर पर खड़ा कर दिया है।
बिलासपुर समेत संभाग की जनता को दर्जन से अधिक बार टिकट कैन्सिलेशन के लिए घंटों लाइन में खड़े होने को मजबूर किया है। एक साल में सात बार ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया, जिसके चलते यात्री परेशान होते रहे। अब फिर से अपग्रेडेशन समेत कई प्रकार का बहाना बनाकर शुरू की गई गाड़ियों को बंद कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि, दरअसल ऐसा लगता है कि रेलवे प्रशासन केन्द्र सरकार के इशारे पर बिलासपुर समेत संभाग की जनता को परेशान करने का बीड़ा उठा लिया है। प्रदेश की जनता नोटबंदी की तरह ट्रेनबंदी की पीड़ा झेलने के लिए मजबूर है। उन्होंने कहा कि ट्रेनों के बंद करने के विरोध में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता 11 नवंबर को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को काले झंडे दिखाकर विरोध करेंगे।
भूपेश सरकार के कार्यकाल में अपराधों में आई है कमी
उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में महिला और बाल अपराध में रिकॉर्ड तोड़ कमी आई है। स्मृति ईरानी को कम से कम केन्द्र सरकार के अधीनस्थ एनसीआरबी का आंकड़ा को पढ़ लेना था। दिल्ली में महिलाएं सर्वाधिक असुरक्षित है। जबकि, पुलिस केन्द्र सरकार की है। नौटंकी और धरना प्रदर्शन में माहिर केन्द्रीय मंत्री ईरानी की अभिनय प्रतिभा से हम अच्छी तरह वाकिफ है।
जब पेट्रोल डीजल का दाम 65 रूपए था। उस समय महंगाई के नाम पर सिलेन्डर सिर पर उठाकर हायतौबा कर रही थीं। आज सिलेन्डर और पेट्रोल, डीजल के दाम आसमान पर हैं। ऐसे में कम से कम उन्हें जमीन पर तो महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए था।
180 से अधिक ट्रेनों को किया रद्द
उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद से रेवले ने 180 ट्रेनों को रद्द कर दिया। इसमें फरवरी में कोयला लदान बढ़ाने के नाम पर एक दर्जन से अधिक यात्री गाड़ियों के पहियों पर ब्रेक लगा दिया गया। इसके बाद 24 अप्रैल से एक महीने के लिए 40 गाड़ियों को स्टेशनों पर खड़ा कर दिया गया। फिर मई में 24 ट्रेनों के परिचालन पर रोक दिया गया।
इसी तरह जून में भी 36 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया। जुलाई में 18 ट्रेन को मरम्मत का बहाना बनाकर बंद कर दिया गया। आजादी पर्व के एक दिन पहले 14 अगस्त को 68 गाड़ियों के पहियों पर रोक लगा दिया गया।
कुछ समय के लिए ट्रेनों को शुरू किया गया और अब फिर से गाड़ियों को कैंसिल किया जा रहा है। कटनी लाइन में डेढ़ दर्जन से अधिक स्टेशनों के स्टापेज को बंद कर दिया गया है तो रायपुर और रायगढ़ लाइन में भी कमोबेश यही स्थिति है।