तीन दिन बाद मिला लापता शिक्षक, सुकमा पहुंचते ही खराब हुई तबीयत, इलाज के दौरान हुई मौत

सुकमा। पांच दिन पहले अचानक गुम हुए शिक्षक की तलाश पुलिस व परिजन कर रहे थे तभी विजयवाड़ा में पढ़ रही उसकी बेटी ने बताया कि पापा यहां आए हुए हैं। पुलिस व परिजन की दो गाड़ी लाने के लिए रवाना हुई। वहीं सुकमा से दो किमी. पहले तबीयत हुई खराब और जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। अब तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं जिसमें एक है काम का दबाव। हालांकि इस पूरे मामले में अभी तक किसी भी प्रकार का खुलासा नहीं हुआ है।
शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे सुकमा से ठीक दो किमी. पहले अचानक शिक्षक दीपेंद्र देवांगन उम्र 46 की तबीयत खराब हुई। उन्हें वहां एक उल्टी हुई और पेट दर्द करने लगा। उसके बाद घर लाए जहां तबीयत और खराब हो रही थी। जिसके बाद शिक्षक को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया जहां करीब एक घंटे तक इलाज चलने के बाद शिक्षक की मौत हो गई। परिवार में एक लड़का व एक लड़की के अलावा भाई- बहन है। परिजन व समाज के साथ शिक्षा विभाग के लोग पहुंचे।
बेटी के पास पहुंच गया था शिक्षक
25 सितंबर दोपहर को घर से स्कूल जाने के लिए निकला शिक्षक दीपेंद्र देवांगन अचानक गायब हो गया। दिनभर परिजन व दोस्त खोजबीन करते रहे लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। फिर कोतवाली में सूचना दी गई और पुलिस ने 6 सदस्यों की टीम भी बनाई लेकिन कोई पता नहीं चला। फिर विजयवाड़ा में पढ़ रही शिक्षक की बेटी ने घर पर फोन कर के बताया कि पापा यहां आए हुए हैं। उसके बाद परिजन व पुलिस लाने के रवाना हुए थे।
काम का था दबाव ऐसी चर्चा
जैसे ही शिक्षक दीपेंद्र देवांगन की मौत होने की सूचना मिली तो सभी अचंभित थे। क्योंकि उनकी पत्नी भी शिक्षक है और परिवार में सभी नोकरी वाले है। किसी से कोई विवाद नहीं था। उसके बाद इस तरह बिना बताए चले जाना फिर अचानक तबीयत खराब होने के बाद मौत होना कई सवालों को जन्म देता है। वहां समाज व दोस्तों के बीच ऐसी चर्चा थी कि काम को लेकर विभाग का बहुत दबाव था। स्वभाव से सरल व्यक्ति दीपेंद्र देवांगन ये सब सहन नहीं कर पा रहा था। और भी कोई कारण हो सकता है ये जांच का विषय है। लेकिन इस कि घटना घटित होने से परिजन व शुभचिंतक परेशान थे।