पत्नी के चरित्र पर संदेह, बेटी को मारकर शव छिपाया

जबलपुर। सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी की अदालत ने 22 माह की मासूम के हत्यारे पिता जबलपुर निवासी मोनू उर्फ सुदर्शन का दोष सिद्ध पाया। इसी के साथ आजीवन कारावास की सजा सुना दी। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक अशोक पटेल ने पक्ष रखा।
गुमाशुदगी की तिलवाराघाट थाने में शिकायत दर्ज कराई थी
अशोक पटेल ने दलील दी कि 16 जनवरी, 2020 व 17 जनवरी, 2020 की मध्यरात्रि में मासूम देविका लापता हो गई थी। लिहाजा, उसकी गुमाशुदगी की तिलवाराघाट थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पतासाजी शुरू की। 22 जनवरी को देविका का शव नई बस्ती, भैरों नगर के कुएं में पत्थर से बंधा हुआ मिला था।
मोनू ने ही गला दबाकर देविका की हत्या की थी
जांच के दौरान आरोपित की पत्नी प्रीति ने पुलिस को बताया कि मोनू ने ही गला दबाकर देविका की हत्या की थी। इसके बाद कुएं में फेंक दिया। यही नहीं प्रीति और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को खत्म करने की धमकी भी दी। इसी आधार पर मुंह बंद करा दिया।
पत्नी ने बताया कि अपनी बेटी नहीं मानता था
दरअसल, वह देविका को अपनी बेटी नहीं मानता था। उसे प्रीति के चरित्र पर संदेह था। इसी सनक में उसने हत्या को अंजाम दिया। उसकी हरकत से मानवता शर्मशार हुई। अदालत ने मामले को गंभीरता से लेकर उम्रकैद की सजा सुना दी।