रमन राज की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में अपराध कम हुये-कांग्रेस

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अपराधों पर लगाम लगा है। राज्य के अपराधो को लेकर बयान देने वाले भाजपा नेताओं को राज्य के एवं देश के अन्य राज्यों के अपराधों का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहिये। भाजपा एनसीआरबी के झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर लगातार दुष्प्रचार करती है। राज्य में हत्या अपहरण, महिला अपराधों, बलात्कार, अनुसूचित जनजाति के विरूद्ध, अनुसूचित जाति के विरूद्ध हुये अपराधों में देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा तथा पूर्ववर्ती रमन सरकार की अपेक्षा प्रभावी कमी आई है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार बच्चों के विरुद्ध हुए अपराधों में 17 प्रतिशत की राज्य में लूट डकैती के अपराधो में भी कमी आयी है। 2016-17-18 के तीन साल में डकैती के 214 अपराध हुये थे। कांग्रेस राज में 2019-20-21 में छत्तीसगढ़ में यह घट कर 196 तक पहुंच गयी। एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार छत्तीसगढ़ में पिछले तीन साल में दर्ज लूट की सभी घटनाओं के अपराधियों को पकड़ा गया है। 2019-20-21 में छत्तीसगढ़ में हत्या के अपराधों में भी गिरावट 28 प्रतिशत की कमी आयी है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भादवि के अपराध में छत्तीसगढ़ देश राज्यों की रैकिंग में 17वें स्थान पर है। उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा, आदि राज्य भादवि की रैकिंग में छत्तीसगढ़ से उपर है। भादवि के अपराध का राष्ट्रीय औसत प्रति लाख आबादी पर 251.2 है, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रति लाख आबादी पर यह अपराध 238.2 है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है। हत्या के अपराध वर्ष 2021 में राज्य में कुल 1007 है। प्रति लाख आबादी पर हत्या के अपराध की दर 3.4 है, जबकि झारखंड में यह औसत 4.1, हरियाणा में 3.8, असम में 3.4 है। राज्य में हत्या के संगठित अपराध नहीं हुये है।
अपितु अधिकांश अपराध आपसी एवं पारिवारिक विवाद, क्षणिक उत्तेजना से घटित हुये है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2021 में 2681 अपहरण के अपराध घटित हुये है। राष्ट्रीय स्तर पर इस अपराध में छत्तीसगढ़ 13वें स्थान पर है। असम, उड़िसा, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान प्रति लाख आबादी में होने वाले अपहरण के अपराध छत्तीसगढ़ से अधिक है।