धनतेरस त्यौहार पर बड़े व्यापार की तैयारियों जोरो पर : कैट
आज और कल धनतेरस दो दिन में देश भर में 40 हजार करोड़ रुपए के व्यापार का अनुमान
रायपुर । कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि दिवाली की त्यौहारों के सीजन की श्रृंखला में मूल रूप से कल धनतेरस का त्यौहार प्रदेश सहित देश भर के व्यापारियों के लिए माल की बिक्री का एक बड़ा दिन है। देश भर में बड़ी तैयारियाँ व्यापारियों ने की हुई है। देश के कुछ हिस्सों में आज भी धनतेरस मनाया जा रहा है।
कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया की आज और कल दो दिनों में धनतेरस के मौक़े पर देश भर में आज लगभग 15 हज़ार करोड़ रुपए और कल लगभग 25 हज़ार करोड़ रुपए से जोड़कर लगभग 40 हज़ार करोड़ रुपए के रिटेल व्यापार का अनुमान है।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने बताया की धनतेरस के दिन सिद्धि विनायक श्री गणेश जी , धन की देवी महालक्ष्मी जी और श्री कुबेर जी की पूजा होती है । इस दिन नई वस्तु ख़रीदना शुभ माना जाता है । इस दिन ख़ास तौर पर सोना चाँदी के आभूषण और अन्य वस्तुएँ, सभी प्रकार के बर्तन, रसोई का सामान , वाहन, कपड़े, रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान और उपकरण, व्यापार करने के उपकरण जैसे कंप्यूटर, कंप्यूटर से जुड़े उपकरण, मोबाइल , बही खाते, फर्नीचर, एकाउंटिंग का अन्य सामान आदि विशेष रूप से खरीदे जाते हैं ।
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया की देश भर के ज्वेलरी व्यापारियों में आज और कल धनतेरस की बिक्री को लेकर बड़ा उत्साह है जिसके लिए ज्वैलरी व्यापारियों ने व्यापक स्तर पर काफ़ी तैयारियाँ की हुई है। सोने -चाँदी, डायमंड आदि के नये डिज़ाइन के आभूषण सहित अन्य वस्तुओं का प्रचुर मात्रा में स्टॉक रखा गया है। उन्होंने बताया की इसके साथ ही इस वर्ष आर्टिफिशियल ज्वेलरी की भी बड़ी माँग बाज़ारों में दिखाई दे रही है वहीं सोने चाँदी के सिक्के, नोट एवं मूर्तियों को भी धनतेरस पर बड़ी मात्रा में ख़रीदा जाना भी संभावित है। कल हालाँकि रविवार छुट्टी का दिन है पर फिर भी देश भर में सोने चाँदी की दुकानें खुली रहेंगी।
कैट की वैदिक एवं ज्योतिष कमेटी के संयोजक और प्रख्यात वेद मर्मज्ञ उज्जैन के आचार्य दुर्गेश तारे ने बताया की देश भर में धनतेरस 23 को ही मनाई जा रही है । भगवान धन्वंतरि का प्रदूर्भाव भी धनतेरस के ही के दिन हुआ था। भगवान धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार हैं और औषधि के देवता भी हैं । भगवान धन्वंतरि ने ही आयुर्वेद भारत में प्रारंभ किया था। 23 अक्तूबर को ही उदयात तिथि में त्रयोदशी होने के कारण ही सम्पूर्ण दिवस धनतेरस के रूप में मनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा की उदयात तिथि को ही आधार मान कर धनतेरस पर्वकाल 23 को ही संपन्न करना चाहिए।