छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य क्रांति की ओर बड़ा कदम: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर चार नए मेडिकल कॉलेजों समेत छह परियोजनाओं को मिली मंजूरी

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। राज्य में चार नए शासकीय मेडिकल कॉलेजों सहित कुल छह प्रमुख निर्माण परियोजनाओं की निविदा दरों को मंजूरी दे दी गई है। यह निर्णय छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) की 51वीं संचालक मंडल बैठक में लिया गया, जो नया रायपुर स्थित मुख्यालय में आयोजित हुई।
इन परियोजनाओं की कुल लागत 1,390 करोड़ रुपये से अधिक है। इस कदम से प्रदेश में स्वास्थ्य शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं के बुनियादी ढांचे को नई दिशा और गति मिलने की उम्मीद है।
बैठक में चार नए मेडिकल कॉलेजों के भवन निर्माण के लिए —
- मनेंद्रगढ़ मेडिकल कॉलेज हेतु ₹323.03 करोड़,
- कबीरधाम मेडिकल कॉलेज हेतु ₹318.27 करोड़,
- जांजगीर-चांपा मेडिकल कॉलेज हेतु ₹318.27 करोड़,
- गीदम मेडिकल कॉलेज हेतु ₹326.53 करोड़ की निविदा दर स्वीकृत की गई।
इसके अलावा, मनेंद्रगढ़ में 220 बिस्तर वाले अस्पताल के लिए ₹28.48 करोड़ तथा बिलासपुर में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय और अस्पताल भवन के निर्माण हेतु ₹79.52 करोड़ की निविदा दर को भी मंजूरी मिली।
सीजीएमएससी की बैठक में अध्यक्ष दीपक म्हस्के, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, प्रबंध संचालक रितेश अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में परियोजनाओं की समयसीमा, गुणवत्ता मानकों और पारदर्शिता पर विशेष बल दिया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि सभी निर्माण कार्य समयबद्ध और उच्च गुणवत्ता मानकों के साथ पूर्ण किए जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि
“मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य कर रही है। नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से चिकित्सा शिक्षा का दायरा बढ़ेगा और डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता में वृद्धि होगी।”
उन्होंने आगे कहा कि
“सीएम साय की संवेदनशील और दूरदर्शी सोच से स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा मिल रही है। प्रदेश के हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुँचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि
“हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ में ऐसा स्वास्थ्य ढांचा विकसित किया जाए, जहाँ हर नागरिक को बिना किसी भेदभाव के सुलभ और आधुनिक चिकित्सा सुविधा मिले। स्वास्थ्य ही विकास की असली पहचान है, और राज्य सरकार जनता के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।”
इन नई परियोजनाओं के पूरा होने के बाद प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के नए अवसर, रोजगार सृजन और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इससे प्रदेश के युवाओं को अपने ही राज्य में डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा, और मरीजों को बड़े शहरों में इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।