असम की संस्कृति का भव्य प्रदर्शन, राज्यपाल ने भाओना नृत्य-नाटिका की सराहना

रायपुर। छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अंतर्गत महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय में अंतर्राज्यीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर असम से आए कलाकारों ने रामायण के सीता पाताल गमन प्रसंग पर आधारित प्रसिद्ध नृत्य-नाटिका भाओना की शानदार प्रस्तुति दी, जिसे दर्शकों ने मंत्रमुग्ध होकर देखा।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि यह प्रस्तुति असम की संस्कृति और उसकी गहरी भावनाओं का जीवंत चित्रण है। उन्होंने बताया कि भाओना परंपरा की शुरुआत लगभग 500 वर्ष पूर्व संत श्रीमंत शंकर देव ने की थी, जो आज भी असम की सांस्कृतिक धरोहर है।
असम-छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समानता...
राज्यपाल डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ और असम दोनों ही राज्यों पर रामायण कालीन संस्कृति की गहरी छाप है। दोनों की परंपराओं में काफी समानताएँ देखने को मिलती हैं। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान असम के विख्यात गायक जुबीन गर्ग के हाल ही में हुए निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

कलाकारों का हुआ सम्मान...
राज्यपाल ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया। इस मौके पर विधायक पुरंदर मिश्रा, सुनील सोनी, रिकेश सेन सहित कई जनप्रतिनिधि, राज्यपाल के सचिव डॉ. आर. प्रसन्ना, संस्कृति विभाग के संचालक एवं अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
दर्शकों ने असम से आए कलाकारों की प्रस्तुति को भारतीय संस्कृति की विविधता और गहराई का अद्भुत अनुभव बताया।



