जम कर चला राजधानी के इस शराब दुकान में ओवर रेटिंग का खेल, अंकुश लगाने में अधिकारी हुए फेल…

रायपुर| राजधानी में शराब का आबकारी नियमों की धज्जियां उडाना अब दुकान संचालकों के लिए आम बात हो गया है| अधिकारी चाहे जितना भी कार्रवाई लेकिन शराब दुकान के कर्मचारी कभी सुधरने नही वाले|
कहावत है जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का…
ऐसा हम इस लिए कह रहे हैं क्योंकि जानकारी के मुताबिक दुकान के सुपरवाइजर की बड़े अधिकारीयों से पहुँच परख है जिसका फायदा उन्हें हर बार मिलता है| चाहे सुपरवाइजर जितनी भी गलती कर ले अधिकारी जी द्वारा कार्रवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ लीपापोती ही की जाति है|
क्या है पूरा मामला...
बता दें कि शराब के शौकीनों के लिए आज का दिन एक बुरी खबर लेकर आया है। आज यानी रविवार 1 सितंबर 2024 से छत्तीसगढ़ में कई शराब के ब्रांड की कीमतों में इज़ाफ़ा किया गया है। नए रेट लिस्ट के अनुसार जिस शराब की कीमत पहले 130 रुपये थी वह अब 170 रूपये में दुकानों में मिलेगी।
इसी बात का फायदा उठा कर शराब के कई शराब दुकान सुपरवाइजर सरकारी राजस्व की चोरी कर ओवर रेटिंग की घटना को अंजाम दे रहे हैं। और अपने साथ साथ विभागीय अधिकारियों के जेब को गर्म कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार रायपुर से लगे तिल्दा नेवरा व तंडवा शराब दुकान जो कि आबकारी अधिकारी दिलीप प्रजापति के अधिकार क्षेत्र में आता है। इन दुकानों में सुबह से ही समयानुसार शराब की ओवर रेटिंग कर सरकारी राजस्व की चोरी की जा रही है। इस बात की जानकारी विभागीय अधिकारियों को बखूबी है लेकिन विभागीय अधिकारी भी शराब दुकान में ओवरराइटिंग को रोकने में नाकामयाब हैं।
अब देखना यह होगा कि अधिकारी जी इस दुकान पर किस तरह की कार्रवाई करते हैं और क्या सुपरवाइजर को या इस कृत्य को अंजाम देने वाले सुपरवाइजर के सहभागियों को दुकान से बाहर का रास्ता दिखाया जाता है या फिर नहीं।