जन अधिकार रैली: ‘राजभवन में अटकी आरक्षण की फाइल, संवैधानिक व्यवस्था का नहीं हो रहा पालन’ – सीएम बघेल…
रायपुर। नए साल के साथ साथ छत्तीसगढ़ में चुनावी साल भी कदम रख चुका है। नए साल की शुरूआत के साथ कांग्रेस अपनी शक्ति दिखाना शुरू कर दी है। इसी कड़ी में आज कांग्रेस ने पहली बार प्रदेशभर में जन अधिकार महारैली निकाली। रैली में प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा और सीएम भूपेश बघेल शामिल हुए। इसी दौरान सीएम भूपेश बघेल का बयान सामने आया है।
जन अधिकार महारैली को संबोधित करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि साल और महीना बदला लेकिन हस्ताक्षर नहीं हुआ। राज्यपाल आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं की। आज इस पर केवल राजनीति कर रही है। CM ने कहा आरक्षण के मुद्दे को हम जन-जन तक बताएंगे। केंद्र सरकार कई मुद्दों पर अडंगा डाल रही है। CM भूपेश बघेल ने कहा न डरेंगे, न झुकेंगे।
सीएम भूपेश बघेल ने रैली को संबोधित करते हुए आगे कहा कि ‘कका अभी जिंदा है।’ आज की रैली अधिकार रैली है। संविधान में जो व्यवस्था है, उसका पालन नहीं हो रहा है। इस वजह से जन अधिकार रैली निकाली गई है।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में 76% आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल अब तक हस्ताक्षर नहीं की है। इसके विरोध में कांग्रेस ने आज रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में जनाधिकार महारैली का आयोजन किया। इस दौरान अधिकांश मंत्री और विधायकों समेत प्रदेशभर से पहुंचे हजारों कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
PCC चीफ मोहन मरकाम ने कहा आज 32 दिन बाद भी राज्यपाल विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं की। BJP का हिडेन एजेंडा फूट डालो राजनीति करो। बस्तर में आग लगाने का काम BJP ने किया है। कांग्रेस महारैली में मंत्री TS सिंहदेव ने कहा राज्यपाल को विधेयक पर हां या ना कहना चाहिए। अगर अपने पद का निर्वहन नहीं कर पा रही है।तो अपने पद से अलग हो जाना चाहिए।
वहीं मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा राज्यपाल को अपने पद को छोड़ देना चाहिए। एकात्म परिसर से राजभवन चल रहा है। कांग्रेस महारैली में मंत्री कवासी लखमा ने कहा सोचे थे राज्यपाल आदिवासियों से प्यार करेगी लेकिन आदिवासी राज्यपाल ने हस्ताक्षर नहीं की बल्कि राजभवन को थानागुड़ी बना दी है। मंत्री अमरजीत भगत ने कहा BJP की औकात नहीं, आरक्षण को खत्म कर सकें।