राजेश मूणत का कलेक्ट्रेट में हल्ला बोल…कहा – सरकार के मुखिया से सीधा टकरा रहा हूं डरने वाला नहीं
रायपुर। रायपुर पश्चिम विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता के हुजूम का नेतृत्व करते हुए पूर्व मंत्री राजेश मूणत कलेक्टर कार्यालय में हल्ला बोल करने वा घेराव करने पहुंचे लगभग 5000 की संख्या में रायपुर पश्चिम की जनता मूणत के साथ विभिन्न मांगो का ज्ञापन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची सभी के हाथो में सरकार की नकामिया लिखी हुई तख्तियां, भाजपा के झंडे थे।
सड़को पर नारेबाजी के साथ पैदल मार्च करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे परन्तु उसी समय राजेश मूणत का गुस्सा तब फूट पड़ा जब समय देने के बावजूद रायपुर कलेक्टर ज्ञापन लेने नही पहुंचे और पुलिस प्रशासन का रवैया कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त हो गया मूणत ने पुलिस प्रशासन से ऐसा करने मना किया और ए.एस.पी. को जमकर आड़े हाथ लिया।
उन्होंने कहा की वर्षो से जनप्रतिनिधि रहा हूं जनता की समस्याओं की लड़ाई सड़क पर उतर के लड़ते आ रहा हूं आपका रवैया गैरजिम्मेदाराना है चाहे मेरी जान चली जाए लेकिन जनता की आवाज बनता रहूंगा शासन प्रशासन की गीदड़भकपियो से डरने वालों में से राजेश मूणत नही उन्होंने कहा की हम रायपुर कलेक्टर को जनसमस्याओं का ज्ञापन देने आए है और केलक्टर की निरसता इतनी अधिक है की जनसमस्याओं से उन्हें कोई लेना देना नही पहले भी हमारा नेतृत्व जिला अध्यक्ष जयंती पटेल सहित ज्ञापन देने पहुंचा लेकिन कलेक्टर के पास समय ही नहीं था , पुलिस प्रशासन शासन के इशारों पर हमारे द्वारा जनसमस्याओं के निराकरण के लिए किए जा रहे आंदोलनों का दमन करने का प्रयास किया जा रहा है जिस प्रशासन को शहर में बढ़ते अपराध , नशे के कारोबार को रोकने में असमर्थ पुलिस जनप्रतिनिधियों को रोकने में मेहनत कर रही है हम जनता के लिए लड़ने से किसी से नही डरते ना ही शासन से और ना ही प्रशासन से
मूणत ने कहा कि मैं प्रदेश सरकार के मुखिया से सीधा टकरा रहा हूं मुझे किसि का कोई भय नहीं चाहे जो करना है कर ले ये राजेश मूणत जनता की समस्यायों के लिए सड़क की लड़ाई लड़ता रहेगा जिस प्रदेश का मुखिया स्वयं तमाम भ्रष्टाचारों में सहभागी हो वह जनता के हितों का ख्याल कतई नहीं रख सकता और ऐसे कर्तव्य विमुख मुखिया से हम नही डरते चाहे हमे डराने के कोई भी हथकंडे लगा लिए जाएं हम यहां आए तो इसलिए थे की रायपुर पश्चिम में व्याप्त अनगिनत समस्यायों के निराकरण की मांग कलेक्टर के पास ज्ञापन सहित रखेंगे लेकिन अब हम बिना ज्ञापन दिए ही लौट रहे हैं
मैं सीधा आरोप लगाता हूं की प्रदेश कांग्रेस सरकार, स्थानीय विधायक और कलेक्टर के लिए जनसमस्याओं से जुड़ा ज्ञापन रद्दी मात्र है जिसमे कोई सुनवाई नहीं होती और उसे सीधा रद्दी कागज समझ कर फेंक दिया जाता है हमने विगत दिनों भी बहुत से ज्ञापन दिए लेकिन किसी एक में भी सुनवाई नहीं हुई तो अब क्या होगी हम अब यह ज्ञापन हम कोरियर माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को भेजेंगे और उनसे मांग रखेंगे की कलेक्टर और प्रशासन दायित्व विमुख हो कर कार्य कर रहा है और जन समस्यायों के विषयों को नजरंदाज किया जा रहा है। आज प्रदेश की जनता प्रदेश सरकार की नाकामियों से त्रस्त है जनसमस्याओं के निराकरण का टोटा है प्रदेश सरकार और उसके नुमाइंदे जनता मांगो के निराकरण में नकारा साबित हुई है जब जनता की कोई नही सुनता तो हताश होकर वह अन्य जनप्रतिनिधियों के पास जाती है ऐसे में हमारा कर्तव्य है जनता की आवाज बनना आज हमारा सीधा सवाल पश्चिम विधायक और कांग्रेस सरकार से है कीपक्की छत का सपना देखने वाले 16 लाख परिवारों के साथ न्याय कब ?
केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक गरीब परिवार के लिए 5 किलो प्रति व्यक्ति मुफ्त अनाज भेजा गया था जिसमे 62 हजार मैट्रिक टन का कोई हिसाब नही 5 हजार करोड़ से अधिक की गड़बड़ी की निष्पक्ष जांच कब ?
गंगाजल हाथ में लेकर माताओं बहनों से शराबबंदी का वादा करने वालो ने आज रायपुर पश्चिम में जगह जगह अहाते खुलवा कर क्षेत्र का वातावरण बिगाड़ दिया है उसका निराकरण कब ?
संपत्ति कर हाफ का झूठा वादा पूरा होगा कब ?
वृद्धा पेंशन बंद कर वृद्धों के साथ छल ,
गोबर के नाम पर सैकड़ो करोड़ रुपयों के घोटाले की जांच कब ?
रायपुर शहर को खोदापुर बना दिया गया है जगह जगह गढ्ढों का अंबार है लेकिन सरकार उसका दुरुस्तीकरण करेगी कब ?
रायपुर सहित पूरे प्रदेश को अपराधगढ़ बना दिया गया है जो मेहनत प्रशासन सरकार के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने में लगाती है यदि उसे अपराधियों पर शिकंजा कसने में लगाते तो शायद प्रदेश की स्थिति इतनी बुरी नही होती अपराधियों पर शिकंजा कब ?
रायपुर को नशे का हब बना दिया गया है लेकिन कार्यवाही कब ?
रायपुर भाजपा शहर जिला अध्यक्ष जयंती पटेल ने कहा की हम लगातार कांग्रेस सरकार और उसके विधायको के खिलाफ आंदोलनरत है पूर्व में रायपुर उत्तर , ग्रामीण और दक्षिण के भाजपा नेताओ द्वारा आंदोलन किया गया और कलेक्टर को ज्ञापन सौपाने गए लेकिन उनके पास समय नहीं था कलेक्टर दायित्व विमुख होकर कार्य कर रहे है यह दुखदाई है सरकार तो वैसे ही जनता की सस्याओ पर धृतराष्ट्र बन चुकी है अब यदि जिला के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी भी दायित्वों से पलड़ा झड़ेंगे तो जनता कहाँ जायेगी किसका दरवाजा खटखटाएगी ।