Raipur

मनरेगा और अमृत सरोवर योजना से ग्रामीण विकास को मिली नई दिशा

 00 जल संरक्षण, रोजगार और आजीविका के क्षेत्र में मिल रहे बहुआयामी लाभ

रायपुर। गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) एवं अमृत सरोवर योजना के माध्यम से सूरजपुर जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण और ग्रामीण आजीविका संवर्धन के उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। इन योजनाओं के प्रभाव से न केवल स्थायी जल स्रोतों का सृजन हुआ है, बल्कि मछली पालन, सिंचाई सुविधा, कृषि विस्तार एवं ग्रामीणों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।
ग्राम पंचायत देवीपुर में मनरेगा के तहत निर्मित अमृत सरोवर आज एक आदर्श जलस्रोत के साथ-साथ ग्रामीणों की आजीविका का केंद्र बन गया है। लगभग 10,000 क्यूबिक मीटर जल संग्रहण क्षमता वाला यह तालाब ढलान क्षेत्र में स्थित है, जिसकी गुणवत्ता पूर्ण चिनाई, सिल्ट ट्रैप और वैज्ञानिक संरचना इसे टिकाऊ बनाती है। सरोवर की देखरेख की जिम्मेदारी 11 सदस्यीय कामना स्वयं सहायता समूह को सौंपी गई है, जो मछली पालन के माध्यम से प्रति वर्ष लगभग 40,000 रुपये तक की आय अर्जित कर रहा है। इसके अतिरिक्त, सरोवर से लगभग 80 किसानों की 150 एकड़ भूमि सिंचित हो रही है, जिससे किसान अब खरीफ के साथ-साथ रबी फसल भी उत्पादित कर पा रहे हैं। प्रति एकड़ औसतन 30,000 रुपये तक की आय होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।
ग्राम पंचायत भुवनेश्वरपुर में अमृत सरोवर योजना के तहत पुराने तालाब का पुनरुद्धार कार्य सफलता से पूर्ण किया गया है। गर्मियों में सूख जाने वाले इस जल स्रोत को गहरीकरण, विस्तार एवं मजबूती देकर नया जीवन मिला है। इनलेट और आउटलेट नालियों का निर्माण कर जलप्रवाह को नियंत्रित किया गया है तथा छोटे पत्थरों से बाँधों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है, जिससे मिट्टी कटाव की समस्या समाप्त हुई है। निर्माण कार्य में ग्रामवासियों को मनरेगा के माध्यम से नियोजित कर मजदूरी भुगतान किया गया, जिससे उन्हें आर्थिक संबल मिला। वर्तमान में तालाब में मछली पालन प्रारंभ हो चुका है। ग्रामीण मछली बीज संचयन, पालन एवं विक्रय कर आय अर्जित कर रहे हैं, जिससे आजीविका को नया आधार मिला है।

ग्राम पंचायत जगतपुर अंतर्गत खरौक झरिया नाला में अर्दन चेक डेम का निर्माण जल संरक्षण की दिशा में एक सशक्त पहल के रूप में सामने आया है। यह कार्य 4 अप्रैल 2023 से 7 अप्रैल 2024 तक सम्पन्न हुआ, जिसकी कुल लागत 12.88 लाख रुपये रही। इसमें 11.21 लाख रुपये मजदूरी तथा 1.67 लाख रुपये सामग्री मद में व्यय हुए। परियोजना की परिकल्पना ग्राम पंचायत द्वारा की गई और इसे ग्रामसभा के अनुमोदन से क्रियान्वित किया गया। डेम के निर्माण से जलस्तर में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे किसानों को वर्षभर सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो रही है। अब यह नाला गर्मियों में भी सूखा नहीं रहता, जिससे मवेशियों के लिए पीने योग्य पानी और ग्रामीणों को निस्तार हेतु जल उपलब्ध हो रहा है। परियोजना के अंतर्गत चार हितग्राहियों को उनकी निजी भूमि पर कूप एवं डबरी निर्माण का लाभ दिया गया है, जिससे वे अब वर्ष भर खेती कर पा रहे हैं।
निर्माण के दौरान अतिक्रमण हटाना, नरम चट्टानों को तोडऩा, और बंड निर्माण में श्रमिकों को होने वाली कठिनाइयाँ जैसी कई चुनौतियाँ सामने आईं, लेकिन पंचायत एवं प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इन तीनों परियोजनाओं ने ग्रामीणों को जल संरक्षण, रोजगार, कृषि सुविधा और आजीविका के क्षेत्र में नया आत्मबल दिया है। मनरेगा एवं अमृत सरोवर योजनाएँ अब केवल योजनाएँ नहीं, बल्कि ग्राम विकास, आर्थिक सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण के प्रेरणास्रोत बन गई हैं।

Chaiपुर
Show More

NU Desk

News is at the very core of an informed citizen, it builds awareness about the happenings around and such awareness can be crucial in taking decisions on a normal working day. At NATION UPDATE News, We believe that every news starts with a voice, a voice with concern that wants to discuss or criticise what’s happening around. So before becoming news, it first becomes the voice of masses, that’s what news is at NATION UPDATE News.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker