Raipur

RAIPUR : छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्‍य के जेल नियमों में किया बदलाव…देखिए किन-किन नियमों में हुआ बदलाव

 RAIPUR। छत्तीसगढ़ सरकार के जेल विभाग से बड़ी खबर सामने आई है। जेल नियमों में बदलाव किया गया है। इसको लेकर विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस अधिसूचना के जरिये सरकार ने छत्‍तीसगढ़ जेल नियम 1968 में संशोधन किया है।

जारी अधिसूचना के अनुसार

(एक) खण्ड (ग) के पश्चात्, निम्नलिखित खण्ड अन्तःस्थापित किया जाये, अर्थात्ः-

(ग-1) “सामान्य निधि” से अभिप्रेत है पात्र पीड़ितों को प्रतिकर देने के प्रयोजन हेतु बंदियों द्वारा उपार्जित मजदूरी के भाग से जेल के लिये सृजित निधि;

(ग-2) “समिति” से अभिप्रेत है अधिनियम की धारा 36-क के उपबंधो के अधीन जेल के लिये गठित ऐसी समिति, जो ऐसी जेल के लिये सृजित सामान्य निधि में से पात्र पीड़ितों को दी जाने वाली प्रतिकर की राशि नियत करने के लिये है;

दो) खण्ड (झ) के पश्चात्, निम्नलिखित खण्ड जोड़ा जाये, अर्थात् :-

(ञ) “मजदूरी” से अभिप्रेत है किसी बन्दी द्वारा किसी दिन, जेल के अधीक्षक द्वारा, जेल में उसे दिये गये कार्य या सेवा के बदले में, उपार्जित धन।

2. नियम 647 के पश्चात्, निम्नलिखित नियम अन्तःस्थापित किया जाए, अर्थातः- “647-क.- समिति का गठन और उसकी बैठकें. –

(1) प्रत्येक केन्द्रीय जेल, जिला जेल एवं उप जेल की समिति में, निम्नलिखित शामिल होंगेः-

(एक) जिला मजिस्ट्रेट

(दो) पुलिस अधीक्षक

अध्यक्ष सदस्य

(तीन) केन्द्रीय / जिला/उप जेल के जेल अधीक्षक- सदस्य-सचिव

(2) समिति की बैठकें तीन माह में एक बार अथवा ऐसे अन्तरालों से होगी, जैसा कि समिति के अध्यक्ष द्वारा विनिश्चित किया जाये।

(3) समिति, सामान्य निधि से प्रतिकर के भुगतान का प्रबन्ध करेगी। समिति द्वारा, उसकी बैठकों में शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए, राज्य शासन द्वारा निर्धारित प्रतिकर के भुगतान के संबंध में, आवश्यक निर्णय लिया जायेगा।

(4) ऐसा बंदी, जो 3 वर्ष या उससे अधिक की सजा से दण्डित किया गया हो, द्वारा कारित अपराध की दशा में पीड़ित, इस नियम के अधीन प्रतिकर राशि के भुगतान हेतु पात्र होगा।

(5) प्रत्येक ऐसे पात्र पीड़ित के संबंध में विचार करने के उपरांत, नियम 647-क (1) के अंतर्गत गठित समिति के अनुमोदन के आधार पर ही भुगतान होगा। राज्य शासन द्वारा समय-समय पर प्रतिकर राशि का निर्धारण किया जायेगा और तद्नुसार, पीड़ित पक्ष को प्रतिकर की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जायेगा।

(6) पीड़ित पक्ष के परिवार से अभिप्रेत है, –

(क) यदि पीड़ित विवाहित है पति/पत्नी, बच्चे;

(ख) यदि पीड़ित अविवाहित है माता-पिता एवं भाई-बहन ।

(7) इस नियम के अधीन भुगतान की प्रक्रिया / तरीका एवं अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं का निर्धारण समय-समय पर करने के लिये राज्य शासन सक्षम होगा।

647-ख.- मजदूरी तथा सामान्य निधि का प्रबन्ध. –

(1) नियम 647 में यथा उपबंधित कार्यों और इन नियमों में यथा उपबंधित सेवायें

देने हेतु मजदूरी, राज्य शासन द्वारा समय-समय पर, नियत एवं अधिसूचित की

जायेगी।

(2) नियम 647 में वर्णित कार्यों के लिए जेल में उपलब्ध कार्य की मात्रा एवं इन नियमों में यथा उपबंधित सेवाओं पर विचार करने के पश्चात्, जेल अधीक्षक, बंदियों को नियोजन उपलब्ध करायेगा और बंदियों के चयन के लिए प्राथमिकता निम्नलिखित क्रम में होगी:-

(क) कठोर कारावास के साथ आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे बन्दी; (ख) अन्य बन्दी, जो कि कठोर कारावास की सजा भुगत रहे हों;

(ग) साधारण कारावास की सजा भुगत रहे बन्दी, जो कार्य करने के इच्छुक हों;

(घ) उप-जेलों में, यदि उपरोक्त प्रवर्ग के बन्दी उपलब्ध न हों, तो स्वेच्छा से सेवाएं देने के इच्छुक विचाराधीन बन्दियों को नियोजित किया जा सकता है।

(3) (क) बंदी द्वारा एक माह में उपार्जित मजदूरी के पचास प्रतिशत को सामान्य निधि में जमा किया जायेगा;

(ख) प्रत्येक जेल में सामान्य निधि का गठन किया जायेगा, जिसमें खण्ड (क) में यथा वर्णित मजदूरी जमा की जायेगी। निधि का नियन्त्रण, सम्बन्धित जिले के जिला मजिस्ट्रेट एवं सम्बन्धित जेल के जेल अधीक्षक द्वारा किया जायेगा;

(ग) सामान्य निधि की रकम, सम्बन्धित जेल के जेल अधीक्षक के नाम से कोषालय में खोले गये वैयक्तिक जमा खाते में जमा की जायेगी;

(घ) सामान्य निधि से प्रतिकर की ऐसी रकम का भुगतान, अपराध के पात्र पीड़ित को एवं उसकी मृत्यु हो जाने पर पात्र पीड़ित के परिवार के सदस्य को किया जायेगा, जैसा कि समिति द्वारा विनिश्चित किया जाये।

(4) प्रत्येक बंदी की मजदूरी का शेष पचास प्रतिशत, संबंधित बंदी के नाम से खोले गये बैंक खाते में जमा किया जायेगा। यह खाता, जेल के निकट स्थित किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में खोला जा सकेगा।

(5) प्रत्येक बंदी, कार्य या सेवा से एक साप्ताहिक छुट्टी का हकदार होगा, जैसा कि जेल अधीक्षक द्वारा विनिश्चय किया जाए। कार्यों या सेवाओं में नियोजित बन्दियों के मामलें में, जेल अधीक्षक यह सुनिश्चित करेगा कि उनके नियोजन का प्रबंध ऐसी रीति से किया गया है कि उन्हें सप्ताह में एक साप्ताहिक छुट्टी प्राप्त हो सके।”

Chaiपुर
Show More

NU Desk

News is at the very core of an informed citizen, it builds awareness about the happenings around and such awareness can be crucial in taking decisions on a normal working day. At NATION UPDATE News, We believe that every news starts with a voice, a voice with concern that wants to discuss or criticise what’s happening around. So before becoming news, it first becomes the voice of masses, that’s what news is at NATION UPDATE News.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker