कांग्रेस के दावेदारों की वन टू वन होने के बाद टिकट के लिए बढ़ी बेचैनी, भाजपा का पैनल केंद्रीय टीम के हवाले

रायपुर। विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस और भाजपा ने अपनी बिसात बिछा दी है। हालांकि दोनों राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की घोषणा अभी बाकी है। कांग्रेस के दावेदारों की वन-टू-वन चर्चा के बाद टिकट के लिए बेचैनी बढ़ गई है।
कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक 26 सितंबर को राजीव भवन में होगी। इसमें दावेदारों के पैनल को अंतिम रूप दिया जाएगा। वहीं भाजपा की चारों विधानसभा सीटों का पैनल केंद्रीय टीम के हवाले हो गया है। वहीं से उम्मीदवारों की घोषणा होगी।
चाय की टपरी हो या फिर राजनीतिक पार्टी का कार्यालय, हर तरफ बस दावेदारों की टिकट को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक प्रीतम सिंह ने गांधी मैदान स्थित कांग्रेस भवन में चारों सीट के दावेदारों से वन-टू-वन चर्चा की। शहर की एक विधानसभा सीटों को छोड़कर तीन जगहों पर प्रत्याशी की स्थिति करीब स्पष्ट हो गई है, अब केवल नाम घोषित किया जाना शेष बचा है।
लोगों में चर्चा है कि शहर के पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक विकास उपाध्याय, उत्तर से कुलदीप जुनेजा और ग्रामीण से विधायक सत्यनारायण शर्मा के चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में उनके बेटे पंकज शर्मा को टिकट मिलना तय है। ग्रामीण विधानसभा सीट से दावेदारी कर पंकज शर्मा संकेत दे चुके हैं कि पिता की सीट के प्रबल दावेदार हैं।
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो रायपुर उत्तर और दक्षिण विधानसभा सीट से महापौर एजाज ढेबर ने दावेदारी पेश की थी, लेकिन पर्यवेक्षक प्रीतम सिंह से चर्चा के दौरान वे उत्तर से प्रबल दावेदार और विधायक कुलदीप जुनेजा के समर्थन में आ गए। रायपुर शहर की चार विधानसभा सीटें के लिए कांग्रेस से 92 दावेदारों ने दावा ठोक था, हालांकि शहर जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से तीन-तीन नामों का पैनल बनाकर राज्य चुनाव समिति को भेजा जा चुका है।
भाजपा के दावेदारों का रोज बदल रहा समीकरण
भाजपा की पहली सूची में जिस तरीके से केंद्रीय संगठन ने प्रत्याशी घोषित किए, उससे भाजपा के स्थानीय नेता यह दावा नहीं कर पा रहे हैं कि किसे उम्मीदवार बनाया जाएगा। हर सीट पर कयास का दौर है। भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर से लेकर कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में रोज चर्चा में नए समीकरण बन रहे हैं। लोगों से सहज सुना जा सकता है कि कोई कितना भी दावा कर ले, प्रत्याशी तो दिल्ली से ही तय किया जाएगा। बताया जाता है कि भाजपा की ओर से प्रत्याशियों के लिए सर्वे कार्य कराया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही टिकट तय होंगे। युवाओं को भाजपा दांव लगाती है तो पूर्व के कई विधायकों और पूर्व मंत्रियों के नाम सूची से गायब हो सकते हैं।