अंधविश्वास का जाल! पहले दो बच्चों को उतारा मौत के घाट, और फिर…
पीलीभीत। एक बार फिर अंधविश्वास एक परिवार पर हावी हुआ है। अंधविश्वास के कारण ही बच्चों और उनके पिता को अपने जीवन से हांथ धोना पड़ा मामला पीलीभीत जिले के दियुरिया क्षेत्र का बताया जा रहा है यहां बीते दिन एक व्यक्ति और उसके दो बच्चों के शव संदिग्ध हालात में उनके घर में पाए गए।
पुलिस के मुताबिक, ऐसा लगता है कि अंधविश्वास में सभी की जान गई है। पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी. ने बताया कि बुधवार सुबह दियोरिया कलां थाना क्षेत्र के रमबोझा गांव के निवासी निवासी बालकराम (45) का शव उसे घर में फंदे से लटकता मिला जबकि उसके बेटे निहाल (11) और बेटी शालिनी (15) के शव बिस्तर पर पड़े थे।
उन्होंने कहा कि बालकराम के 14 साल के बेटे प्रभात ने पुलिस को बताया कि मंगलवार की रात परिवार के सभी लोगों ने खाना खाया और सोने चले गए तथा बहन शालिनी, भाई निहाल और पापा एक कमरे से सो रहे थे और वह दूसरे कमरे में सोने चला गया था। अधिकारी के अनुसार, प्रभात ने कहा कि वह जब सुबह जागा तो देखा बहन शालिनी और भाई के शव पलंग पर पड़े मिले तथा दूसरे कमरे में पिता का शव फंदे पर लटका हुआ था। उसने तुरंत इसकी जानकारी अपने चाचा को दी।
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उन्होंने बताया कि प्रभात का कहना है कि उसके पिता बालकराम और बहन पर कोई प्रेत छाया थी जिसके ‘निदान’ के लिए पिछले एक साल से परिवार किसी तांत्रिक के संपर्क में था। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, प्रभात की बात से बात के आधार पर फिलहाल अंधविश्वास में हत्या और आत्महत्या किए जाने की बात सामने आ रही है, मगर मौत का मुख्य कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा। परिवार किसी तांत्रिक के संपर्क में था, यह भी पता चला है। तांत्रिक के बारे में पता लगाया जा रहा है।
पुलिस के स्तर से जुटाई गई जानकारी के अनुसार ऐसा लगता है कि अंधविश्वास के फेर में बालकराम ने पहले अपने बच्चों की हत्या की और बाद में खुद फांसी लगा ली। अधिकारी ने कहा कि शवों का पोस्टमॉर्टम चिकित्सकों के पैनल से कराया गया है। उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम की गहराई से जांच की जा रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर कारर्वाई की जाएगी।