अखिल भारतीय आदिवासी कश्यप कहार निषाद भोई समन्वय समिति का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन रायपुर में सम्पन्न…
रायपुर। समन्वय समिति का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन छ0ग0 मछुआ महासंघ के तत्वाधान में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत महर्षि कश्यप ऋषि महाराज गुहाराम निषाद भगवान श्री राम एवं केवट जी की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन उपरांत कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज को एक सूत्र में पिरो कर सामाजिक उत्थान एवं विकास की दिशा में अग्रसर होना है समन्वय समिति के माध्यम से इन समस्याओं के निराकरण के लिए प्रतिवेदन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिया गया। केंद्र सरकार सरकार से संबंधित प्रस्ताव को पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा डॉ रमन सिंह से निवेदन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से बाबूराम निषाद राज्यसभा सांसद उत्तर प्रदेश अजय निषाद सदस्य लोकसभा मुजफ्फरपुर बिहार डॉक्टर भगवान लाल साहनी पूर्व ओबीसी आयोग अध्यक्ष भारत सरकार राष्ट्रीय संत पूज्य गोपाल दास जी सतनारायण शर्मा पूर्व शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ रघुनाथ कश्यप पूर्व अध्यक्ष हरकोफेड हरियाणा संसदीय सचिव व विधायक विकास उपाध्याय आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा मार्तण्ड सिंह माझी ने कहा कि संविधान निर्माण के समय में जिस जनसंख्या प्रतिशत को ध्यान में रखकर आरक्षण का प्रावधान किया गया था उनके अंतर्गत मछुआरा समाज का राजनीतिक प्रतिनिधित्व शून्य रहा है अतः समाज हित मे सभी पार्टियों को टिकिट देकर न्याय किया जाना चाहिए।
राजाराम कश्यप राष्ट्रीय समन्वयक ने मछुआरा समुदाय की राष्ट्रीय जनगणना करने और उनके व्यवस्थित समग्र विकास के लिए विशेष बोर्ड के गठन की मांग की साथ ही सम्मेलन की आयोजन में समन्वय समिति के उद्धेष्यों की चर्चा की।
कार्यक्रम आयोजक एम आर निषाद कैबिनेट मंत्री दर्जा ने समाज को आगे बढ़ाने हेतु छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ का गठन पश्चात छत्तीसगढ़ धीवर महासभा, छत्तीसगढ़ कहार महासभा, छत्तीसगढ़ कहरा महासभा, छत्तीसगढ़ मल्लाह समाज को एक मंच पर लाकर संघर्ष करने हेतु नेतृत्व प्रदान करने की बात कही। समाज की मांग माझी जनजाति के अंतर्गत केवट, धीवर, मल्लाह, कहार को आरक्षण और मछुआ नीति में संशोधन कर परंपरागत मछुआरों के हित में बनाने का लक्ष्य बताया।
संसदीय सचिव एवं विधायक कुंवर निषाद ने समस्त अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि गरीबी निषाद समाज की बाधक नहीं है बल्कि अषिक्षा सबसे बड़ी बाधक रही है महिला शिक्षा और ग्रामीण परिवेष हेतु शासन की योजनाओं का लाभ दिलाना सरकार का प्रमुख उददेष्य रहा है लेकिन अपना हक लेने समाज को आगे आना होगा।
समन्वय समिति के मीडिया सेल प्रमुख दुष्यंत कुमार ने राष्ट्रीय पत्रिका के प्रकाशन से संबंधित जानकारी प्रदान की तथा बताया कि समाज के पौराणिक विभूतियों के साथ-साथ विभिन्न समय पर संघर्ष किए वीरगति प्राप्त किए अन्य विभूतियों का विवरण पुस्तक प्रकाशित करने संबंधी कार्य प्रगति पर है और प्रकाशन पश्चात इसे देशभर में विभिन्न सामाजिक संगठनों को प्रेषित किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन प्रसार भारती की उद्घोशिका रानी रायकवार ने किया जिन्हें मीडिया संबंधी उत्तरदायित्व प्रदान किया गया है।
अधिवेशन में उपस्थित सामाजिक बंधुओं विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह एवं शाल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय सहसंयोजक गुरु चरण कश्यप ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में नरेश निषाद, झुमुक निषाद, ओम प्रकाश वर्मा, कोमल निषाद अमृता निषाद, संतोषी निषाद, प्रेमलता निषाद गायत्री केवट ढोल निषाद, प्रदीप केवट ने अपना अभूतपूर्व योगदान प्रदान किया।