आरक्षण का पेंच फिर दो महीने के लिए फंसा, आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर तक बढ़ा

रायपुर : आरक्षण को लेकर प्रदेश में मामला लगातार फंसता ही जा रहा है। क्वांटिफायबल डाटा आयोग ने ओबीसी और कमजोर वर्ग के लोगों की सर्वे रिपोर्ट अभी तक उपलब्ध नहीं कराया पाया है। अभी भी निकायों और ग्राम पंचायतों में पंजीयन चल रहा है। बताया जाता है कि अभी भी प्रदेशभर निकायों और ग्राम पंचायतों में करीब दस से पंद्रह हजार लोगों का पंजीयन होना बाकी है। इसकी एकजाई रिपोर्ट बनाने में आयोग को दो माह का वक्त और लग सकता है। इसलिए शासन ने क्वांटिफायबल डाटा आयोग का कार्यकाल दो माह के लिए बढ़ा दिया है। आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2022 के लिए बढ़ाया गया है। इस तरह से अब तक आयोग कार्यकाल 10 वीं बार बढ़ चुका है।बता दें कि ओबीसी और ईब्ल्यूएस के सर्वे के लिए शासन ने वर्ष 2019 में क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन किया था। गठन के बाद सालभर तक तो काम ही शुरू नहीं हुआ था। इसके बाद शासन ने आयोग का कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ाया था। इसके बाद से लेकर अब तक आयोग का कार्यकाल करीब दस बार बढ़ा चुका है। फिर भी अभी तक सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ है। 31 अक्टूबर को आयोग कार्यकाल फिर समाप्त हो रहा था, लेकिन अभी तक सर्वे रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है। लिहाजा शासन को फिर से आयोग का कार्यकाल दो माह के लिए बढ़ाना पड़ा ।
निकायों की लापरवाही और उदासीनताक्वांटिफायबल डाटा आयोग में ओबीसी और ईब्ल्यूएस के पंजीयन कार्य में निकायों की लापरवाही और उदासीनता लगातार सामने आ रही है। कई निकायों के अधिकारी तो इस कार्य में रुचि ही नहीं ले रहे थे। आयोग द्वारा कई बार नगरीय प्रशासन विभाग को पत्र लिखना पड़ा था। इसके बावजूद गत 17 अक्टूबर की तिथि तय करने पर भी प्रदेश के करीब 24 निकायों का परफारमेंस शून्य था। इसे लेकर अब क्वांटिफायबल डाटा आयोग के अध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर की है। डाटा आयोग ने नगरीय प्रशासन विभाग को इस संबंध में पत्र भी लिखा था।
कलेक्टर कांफ्रेंस भी उठा था मुद्दाइसी माह 8 अक्टूबर को कलेक्टर कांफ्रेंस में भी क्वांटिफायबल आयोग में पंजीयन लेकर मुद्दा उठा था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नाराजगी जाहिर करते हुए सभी कलेक्टराें को ओबीसी और कमजोर वर्ग के लोगों के पंजीयन में प्राथमिकता से रुचि लेकर शीघ्र कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए थे।
कब-कब बढ़ा आयोग कार्यकाल
6 मई 202225 अगस्त 2020
7 अक्टूबर 20206 अप्रेल 2021
8 सितंबर 202116 मार्च 2022
24 जून 20222 अगस्त 2022
13 सितंबर 2022
कोट्शासन ने आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2022 तक के लिए बढ़ाया है। माॅप-अप- राउंड में जिन 24 निकायों का प्रदर्शन बेहद खराब था। उन सभी को नोटिस जारी कर परफारमेंस सुधारने को कहा गया है। उम्मीद है दो माह में सर्वे रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी।