स्व. रूद्र प्रसाद “रूप” स्मृति साहित्य एवं सांस्कृतिक सम्मान 2022 संपन्न, ग्राम से लेकर राष्ट्र स्तर की प्रतिभाएं हुई सम्मानित
बैकुंठपुर/ साहित्य और संस्कृति का अनूठा संगम है अपना भारत देश । साहित्य गतिविधियों एवं प्रतिभाओं को क्षमता का अवसर एवं मंच प्रदान कर उन्हें सम्मानित करना उत्साहवर्धन करना ताकि वे जीवन में उत्कृष्ट रचनाएं व कार्य करते हुए समाज को एक नई दिशा दें इसी उद्देश्य से जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के होटल गंगा सभाकक्ष में स्वर्गीय प्रसाद रूप स्मृति साहित्य एवं सांस्कृतिक सम्मान समारोह के द्वितीय वर्ष का भव्य आयोजन गत दिनांक 16 अक्टूबर 2022, रविवार को किया गया जिसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश एवं देश स्तर की ख्याति प्राप्त साहित्यकार,सम्मानित होने वाले विजेता प्रतिभागीगण उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिक एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने गरिमा प्रदान की साथ ही छत्तीसगढ़ लोक संस्कृति के उपासक कवि गीतकार छालीवुड कलाकार लोकगायक सूरज श्रीवास ,लक्ष्मी करियारे और आस्था शर्मा विशेष आमंत्रित अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे ।
वहीं पीसीसी सदस्य योगेश शुक्ला,सौम्य महिला मंडल अध्यक्ष संध्या रामावत, संबोधन अध्यक्ष बीरेंद्र श्रीवास्तव, वरिष्ठ साहित्यकार शिक्षक सतीश उपाध्याय,जनपद अध्यक्ष सौभाग्यवती सिंह,नपा अध्यक्ष नविता शिवहरे,कांग्रेस पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष अनिल जा, नपा उपाध्यक्ष आशीष यादव, साहित्यकार डा सपन सिन्हा, साहित्यकार प्राध्यापक बृजलाल साहू, वरिष्ठ कहानीकार नेसार नाज़, एसडीओ वन अखिलेश मिश्रा सहित नेता प्रतिपक्ष अन्नपूर्णा सिंह मौजूद रही। कार्यक्रम में देवेंद्र तिवारी भारतीय जनता पार्टी जिला उपाध्यक्ष ने मुख्य अतिथि की आसंदी का बखूबी निर्वहन किया।
सम्मान समारोह की शुरुआत में अतिथियों के स्वागत के साथ ही मां शारदेय के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं वंदना की गई तत्पश्चात राजकीय गीत की मनमोहक प्रस्तुति विशेष आमंत्रित अतिथिगण लक्ष्मी करियारे और सूरज श्रीवास ने दी अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ भेंट एवं माल्यार्पण कर किया गया तत्पश्चात सम्यक क्रांति के प्रबंध निदेशक एस.के.रूप के द्वारा सारगर्भित स्वागत उद्बोधन दिया गया जिसमें उन्होंने स्वर्गीय प्रसाद रूप जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “पिताजी से शून्य से विराट लक्ष्य प्राप्त करने की सहज प्रेरणा मिलती है उनका जीवन परोपकार को प्रेरित रहा बचपन से ही पिता कुशाग्र बुद्धि के धनी व्यक्ति रहे किशोरावस्था से ही साहित्य एवं जनसेवा प्रारंभ की! सरकारी नौकरी उन्हें रास नहीं आई और उन्होंने कोरिया के धरा पर पत्रकारिता की नींव रखी उन्होंने शोषित पीड़ित दलित वर्ग के उत्थान हेतु खुद को समर्पित कर दिया! वे प्रखर वक्ता ओजस्वी कवि विराट बुद्धिशील, महान जननायक रहे जिन्होंने भ्रष्टाचार पर हमेशा करारा प्रहार भी किया साथ ही कोरिया को जिला बनाने में स्वर्गीय पिता श्री रूप का अहम योगदान रहा जो अपने अखबार सम्यक संपर्क में जल आंदोलन के रूप में एक कालम हमेशा देकर राष्ट्रपति तक को लिखते थे वही विशेष पिछड़ी जनजाति पंडो वर्ग के उत्थान के लिए पण्डो विकास समिति जनहित संघ बनाकर सदैव प्रयत्नशील रहे।
उस महान विभूति का साथ दिया मेरी माता ने जो त्याग और समर्पण की प्रतिमूर्ति रही है।
सम्यक क्रांति के संपादक दुष्यंत कुमार ने अपने उद्बोधन में स्वर्गीय रूद्र प्रसाद रूप के साहित्य एवं पत्रकारिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिताश्री का साहित्य परिवर्तन करने वाला है पिताश्री लिखने में कभी संकोच नहीं करते थे। अव्यवस्था और भ्रष्टाचार पर कहा करारा प्रहार करते हुए उन्होंने लिखा था ” पर अधर्म वे ही करते हैं, धर्म धुरंधर है जो आज। नागनाथ जी चले गए पर सर्प नाथ जी रहे विराज।। उन्होंने आगे कहा कि पिताजी जनसेवा को अपना प्रथम कर्तव्य समझते थे उन्होंने स्वर्गीय रुद्र प्रसाद एवं स्वर्गीय त्रिपुरारी पांडे जी की मित्रता और सरगुजा अंचल के प्रथम अखबार “अभियान” के संचालन और प्रकाशन पर बात बताई।
सम्मान समारोह पर प्रकाश डालते हुए युवा साहित्यकार, कवियत्री, शिक्षिका एवं पावर लिफ्टर नेशनल चैंपियन सुश्री अलीशा शेख ने कहा कि “हमारा उद्देश्य प्रतिभाओं को निखारना, तराशना उन्हें अवसर और मंच प्रदान करना है ताकि वे अपनी प्रतिभा सामने ला सकें उन्हें सम्मानित करना ताकि उन्हें प्रेरणा मिले स्वर्गीय रूद्रप्रसाद रूप जी के लिए कुछ भी कहने कहते हुए मैं खुद को गौरवान्वित महसूस करती हूं उनकी लेखनी इतिहास बनाने वाली थी उनकी संपादकीय पढ़कर लोगों में बदलाव होता था और लिखने की प्रेरणा जगती थी ऐसे महान व्यक्तित्व के स्मृति में इस सम्मान समारोह में अपने दायित्व का निर्वहन करके मैं खुद गौरवान्वित हूं।
प्रतियोगिता में गांव शहर राज्य व देश के कई हिस्सों से लोगों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में कविता स्वरचित गीत गजल नृत्य और गायन की विधा थी जिसमें बैकुंठपुर, मनेंद्रगढ़, अंबिकापुर,बिलासपुर, रायपुर,कोरबा, जीपीएम , सक्ती, महासमुंद, दुर्ग ,भिलाई,भोपाल,कटनी, उड़ीसा ,जौनपुर, उत्तर प्रदेश धौलपुर, बिहार,रीवा, लखनऊ, राजस्थान, दिल्ली मुंबई सहित देश के कई हिस्सों से लोगों ने भाग लिया शामिल हुए और विजेता बने।
कार्यक्रम मे भाजपा जिला उपाध्यक्ष देवेंद्र तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “स्वर्गीय रूद्र प्रसाद “रूप” स्मृति साहित्य एवं सांस्कृतिक सम्मान 2022 में सभी का वंदन अभिनंदन है। श्री रूप से मैं बचपन से परिचित रहा उनके बारे में सुनता रहा क्योंकि मेरे घर से उनका अभिन्न संबंध और संपर्क रहा उन्होंने मेरे स्वर्गीय नाना त्रिपुरारी पांडे जी के साथ मिलकर “अभियान” नामक अखबार की शुरुआत की थी हालांकि जब इमरजेंसी का दौर आया आया था तब किसी कारण वश बंद हुआ। प्रखर रूप से लिखने वालों को विपत्तियां आती है लेकिन उसे पार करके समाज के लिए कार्य करने का जज्बा श्री रूद्र जी में रहा।
जब हमारे समाज में विकृतियां आती हैं समाज बीमार होता है मानसिक कमजोरी आती है तब हमें भगवत गीता रामायण और हमारे आदर्श का भी याद आते हैं जब हम उसे पढ़ते हैं तब हमारी सारी परेशानियां दूर हो जाती है और हमें मानसिक शांति मिलती है। हमें संस्कारित रहना आने वाली पीढ़ी के लिए साहित्य को पढ़ना जरूरी है समाज को दिशा देना एक साहित्यकार का काम है उसे लिखने से पहले सत्य सार्थक संदेश भरी रचनाएं करना भी जरूरी है।
मंच को संबोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार बीरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि हम सभी यहां एकत्रित हैं। गौरवान्वित हैं हमने सृजन कारों को ऐसे ही जोड़ने की कोशिश करेंगे संस्कार परिवार को कैसे दी जाती है इसकी एक सीढ़ी का उदाहरण आपके सामने प्रस्तुत है स्व.रूप जी के अतीत व ऊंचाई के बारे में सब ने कहा है मैं उनके साहित्य का एक पन्ना जोड़ना चाहूंगा कि आज के ही दिन 16 अक्टूबर 1977 को हम लोग उनके साथ मिलकर आकाशवाणी में प्रस्तुति देने वाले साहित्यकारों को जोड़कर एक संस्था का गठन किए जो साहित्यकारों को मंच देकर आगे बढ़ाने का कार्य करें और वही कोशिश आज संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान के नाम से सुशोभित है।
वरिष्ठ शिक्षक योग प्रशिक्षक एवं साहित्यकार सतीश उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि “मेरा किशोरावस्था श्री रूद्र प्रसाद रूप जी के सानिध्य में बीता यह मेरा सौभाग्य है उन्होंने 45 वर्ष पुराना परिचय पत्र दिखाते हुए कहा कि मैंने पत्रकारिता की शुरुआत सम्यक संपर्क और श्री रूप जी के द्वारा ही की उन्होंने मुझे सम्यक संपर्क में पत्रकारिता करने का शुभ अवसर दिया था साथ ही अखबार में मेरे कई आलेख रचनाएं कविताएं प्रकाशित होती थी !उनके घर से मेरा पारिवारिक संबंध है उनके दोनों पुत्र मुझे अत्यधिक सम्मान देते हैं और कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर मेरी राय भी ली जाती है श्री रूप कुशल वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार और महान जननायक थे।
साहित्यकार डॉ सपन सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की भव्यता को लेकर बात कही और कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैं रूद्र भैया के साथ साहित्य सेवा किया हूं उनकी निष्पक्ष कलम का मैं कायल रहा हूं आज उनके पुत्र द्वय के द्वारा सम्मान समारोह आयोजित किया गया है जिसमें प्रतिभाओं को मंच मिल रहा है मैं गौरवान्वित हूं।
समाजसेवी राजेंद्र सिंह(दद्दा) ने कहा कि यह बहुत शानदार आयोजन है जहां युवाओं को अवसर मिल रहा है और वरिष्ठ जनों का सानिध्यता से सीखने को मिल रहा है मैं स्वर्गीय रूद्रप्रसाद रूप से बचपन से ही जुड़ा हुआ हूं वह मेरे पिताजी के परम मित्र रहे एक ऐसा काल जहां समाचार पत्रों की कोरिया जैसे पिछड़े जगह में परिकल्पना नहीं हो सकती थी ऐसे समय जिन्होंने समाचार पत्र का प्रकाशन किया जनता की आवाज बने तो वह सिर्फ रूद्र प्रसाद जी रूप रहे आज साहित्यकार सुर और शब्दों का संगम हुआ है।
साहित्यकार एवं विद्यालय प्राचार्य राजीव लोचन त्रिवेदी ने कहा कि हमारी आगामी पीढ़ी अगर हमारे संस्कार और विचारों को आगे ले जा सकती है तो हम नव सपने देख सकते हैं संयुक्त प्रतिष्ठित परिवार सम्यक क्रांति परिवार है जिसमें प्रेम है इसने है यह हमारे विचारों को आगे ले जा सकते हैं हमारी पीढ़ी कई पीढ़ियों के आदर्श के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया पर परिवार के कार्यों को आत्मसात ही करके की जा सकती है यह आयोजन और इसके आयोजन करता बधाई के पात्र हैं।
भोपाल आकाशवाणी प्रसार भारती की उद्घोषक रानी रैकवार ने कहा कि इस सम्मान समारोह में उपस्थित सभी का अभिनंदन है आयोजकों का आभार जिन्होंने मुझे यहां बुलाकर सम्मानित किया मेरा सौभाग्य है मैं एक पत्रकार हूं दूरदर्शन की उद्घोषक होना मेरा गर्व है । पिता की विरासत को संभालकर रखना सराहनीय कदम है। माता जी के अच्छे संस्कार हैं जो श्री दुष्यंत और एसके रूप के कार्यों से परिलक्षित हो रहा है प्रतिभा तभी आगे बढ़ती हैं जब उन्हें प्रोत्साहन मिलता है।
बिलासपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर बाबा प्रसाद मार्कंडेय ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब रुद्र अंकल और मेरे पिताजी बैठ कर बातें किया करते थे तो हम लोग वहां से उठ कर चले जाते थे क्योंकि हम लोग जानते थे कि विचारों का ऐसा टकराव होगा ऐसे तर्क वितर्क होंगे और कहीं क्रोध हम पर ना फूट जाए श्री रूद्र प्रसाद रूप एक महान जनसेवक प्रखर पत्रकार रहे हैं सभी पत्रकारों को उनकी संपादकीय पढ़नी चाहिए और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को अपने लेखन में निष्पक्षता रखनी चाहिए हमारा सौभाग्य है कि हम उनके स्मृति में यह आयोजन कर रहे हैं।
साहित्यकार एवं शिक्षक एम सी हिमधर धरने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वर्गीय रूद्र प्रसाद रूप से मैं जब भी मिला उनकी उदारता का सोपान ही किया वे जनहित में सदैव अग्रसर रहते थे उन्होंने महाविद्यालय में गरीब पिछड़े एवं अन्य सभी वर्गों के छात्रों का दाखिला तक करवाया है और शिक्षा जगत में भी अनुकरणीय अमिट छाप छोड़े हैं आज उनकी विरासत को आगे ले जाने हेतु उनके दोनों पुत्र और माता जी बधाई के पात्र हैं।
सौम्य महिला मंडल की अध्यक्ष समाजसेविका संध्या रामावत ने कहा कि आज के सम्मान समारोह में उपस्थित होकर मैं गर्व महसूस कर रही हूं आज सुर साहित्य और नृत्य का सुंदर संगम सम्यक क्रांति के आयोजन से हो रहा है जो बधाई के पात्र हैं स्वर्गीय रुद्र जी के कार्यों को आगे ले जाने के लिए उनके दोनों पुत्र प्रतिबद्ध हैं और बधाई के पात्र हैं।
विशेष आमंत्रित अतिथि सूरज श्रीवास और लक्ष्मी श्रीवास ने कहा कि “हमें गर्व महसूस हो रहा है ऐसा संस्कार और पिताजी की विरासत को आगे ले जाने वाले कार्य सम्यक क्रांति के संचालक गण कर रहे हैं हम एस के रूप और शेख अलीशा को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं जिन्होंने हमें इस भव्य आयोजन में शरीक किया ऐसे आयोजन में शामिल होने में हम खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं।जहां छत्तीसगढ़ के माटी की सुगंध में साहित्य, नित्य, गीत का संगम देखने को मिला है आशा है कार्यक्रम नई ऊंचाई को छूते रहेगा।
रनई जमींदार योगेश शुक्ला ने कहा कि श्री रूद्र भैया एक महान जनसेवक रहे जनहित संघ/पण्डो विकास समिति के माध्यम से गरीबों की आवाज बनते रहे मेरे बाबा से उनके घनिष्ट संबंध रहे और उनके सानिध्य में रहकर हमने बहुत कुछ सीखा माता जी का सदैव आशीष मिला। रूद्र भैया के कार्य उनके योगदान को जनहित को भुला पाना मुश्किल है वे सदैव जीवंत रहेंगे।
वरिष्ठ शिक्षक और गजल कार ताहिर आजमी ने कहा “आज मैं जो कुछ भी हूं अगर कुछ लिख पा रहा हूं तो रुद्र प्रसाद रूप जी की ही देन है। जिन्होंने मेरा पग पग पर मार्गदर्शन किया और मुझे हर बारीकियां सिखाई।श्री रूद्र जी के पुत्र दुष्यंत और संवर्त मेरे शिष्य रहे हैं जो गुरु शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हमेशा मुझे सम्मान देते रहे।
नगर पालिका अध्यक्ष नविता शिवहरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सभी रूद्र भैया की स्मृति में आयोजित सम्मान समारोह में उपस्थित हैं जिसमें पूरे देश से प्रतिभाएं शामिल हुई हैं जिनका सम्मान आज हुआ है। यह कोरिया के लिए गर्व का विषय है कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा साहित्य एवं सांस्कृतिक सेवा के लिए किए जाने वाले कार्य अनुकरणीय है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अनिल जायसवाल ने कहा कि आज इस सभागार में हम आप सब उपस्थित हुए हैं।साहित्य के क्षेत्र में प्रतिभाओं को मंच प्रदान कर उन्हें अवसर देना और उनका सम्मान करना ताकि वे उत्साह के साथ आगे और बेहतर करें यह हमेशा ही गर्व का विषय होता है मैं स्वर्गीय रूद्र जी के बारे में जितना जानता हूं उनके साथ जितना रह पाया वह एक-एक क्षण सीख देने वाला रहा है आज उनके पुत्र उनके विरासत को बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं और यह प्रत्येक पुत्र अगर करने लगे तो आने वाली पीढ़ी को हम एक सभ्य समाज और अनुकरणीय सुंदर इतिहास देंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अन्नपूर्णा सिंह नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि श्री रूद्र प्रसाद रूप प्रखर तार्किक बुद्धि के धनी व्यक्ति रहे वह हमेशा जनहित को तत्पर रहें और उनकी स्मृति में यह आयोजन होना सार्थक कदम है जो सम्मानित हो रहे हैं उन्हें बधाई।
जनपद पंचायत अध्यक्ष सौभाग्यवती सिंह कुशवाह ने संबोधित करते हुए कहा पिछले वर्ष मुझे सम्मान समारोह में आमंत्रित किया गया था और इस वर्ष भी महान विभूति के लिए चंद शब्द कहने का अवसर देने के लिए मैं आयोजकों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं।
वरिष्ठ साहित्यकार और प्राध्यापक बृजलाल साहू ने कहा कि श्री रूप कुशाग्र बुद्धि के धनी थे उनका काव्य लेखन परिवर्तन करने वाला था साहित्य एवं संस्कृति का सुंदर संयोग बन रहा है कार्यक्रम के द्वारा लोगों में साहित्य के प्रति लगाव होगा और यही सही मायने में मातृभूमि की सेवा होगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रूद्र नारायण मिश्रा ने कहा कि इस अद्भुत आयोजन के लिए मैं अपने परिवारजन सम्यक क्रांति की टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं साहित्य के लिए ऐसे कार्य होते रहने चाहिए ताकि लोगों को मंच मिले और अपनी प्रतिभा को दिखाने का अवसर एवं प्रेरणा मिले
साहित्यकार योगेश गुप्ता ने कहा कि सम्मान समारोह में कई प्रतिभाएं दिखी कई प्रतिभागी शामिल हुए कई साहित्यकार हैं कुछ अग्रज है कुछ अनुज है लेकिन लक्ष्य है हिंदी सेवा। यह सम्मान हमें प्रेरित करेगा कि हम आगे और कुछ अच्छा करें कुछ नया और अलग करें।
इन्हे मिला सम्मान:
कार्यक्रम में विशिष्ट आमंत्रित अतिथि, मुख्यअतिथि, विशिष्ट अतिथि, साहित्यकारगण,ख्यातिलब्ध गणमान्य नागरिक, विशेष बच्चे एवं पत्रकारों का सम्मान किया गया। सम्मान की कड़ी में तीन विशेष प्रतिभा वाले बच्चों का सम्मान किया गया जिसमें आयुष मिश्रा 05 वर्ष,आयुष पांडे 06 वर्ष चिरमिरी,विधि साहू 06 वर्ष जांजगीर का नाम शामिल रहा।
प्रतियोगिता में प्रतिभागीगण जिनका हुआ सम्मान:
कविता विधा में 15 वर्ष से कम आयु वर्ग में पूर्णिमा जायसवाल मनेंद्रगढ़ प्रथम, 15 वर्ष से ऊपर में अनुराग तिवारी, रायपुर प्रथम शारदा गुप्ता “विद्रूप” बैकुंठपुर द्वितीय एवं अनंतलाल देवांगन बैकुंठपुर तृतीय स्थान पर रहे! 35 वर्ष से ऊपर के आयु वर्ग में मोहम्मद फरीद खान बैकुंठपुर प्रथम, विजय कुमार गुप्ता मनेंद्रगढ़ द्वितीय एवं राजकुमार मिश्रा काटगोड़ी तृतीय स्थान पर रहे।
गायन की विधा में 15 वर्ष से कम आयु वर्ग में सौम्या गुप्ता मनेंद्रगढ़ प्रथम, सान्नवी श्रीवास्तव मनेंद्रगढ़ द्वितीय एवं रेदानूर चिरमिरी तृतीय स्थान पर रही। 15 वर्ष से ऊपर के आयु वर्ग में प्रियम तिवारी मनेंद्रगढ़ प्रथम, स्मृति गुप्ता चरचा द्वितीय, भूपेश पनेरिया एमसीबी तृतीय स्थान पर रहे।35 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग में मुकेश गुप्ता मनेंद्रगढ़ प्रथम, चंदन केवट द्वितीय एवं सुरेश शर्मा बैकुंठपुर तृतीय स्थान पर रहे।
स्वरचित गीत गजल 15 वर्ष से 35 वर्ष आयु वर्ग में चंद्र प्रताप सिंह मनेंद्रगढ़ प्रथम ,सविता विश्वास रायपुर द्वितीय एवं प्रियंका भूतड़ा उड़ीसा तृतीय स्थान पर रही। 35 वर्ष के ऊपर प्रेम शंकर शास्त्री बेताब लखनऊ प्रथम,अल्पना चक्रवर्ती मनेंद्रगढ़ द्वितीय किरण सोनी कोरबा तृतीय स्थान पर रही ।इसी तरह नृत्य की विधा में 15 से कम आयु वर्ग में इश्तेशाम अंसारी बैकुंठपुर प्रथम, प्रतिष्ठा गुप्ता बलौदा बाजार द्वितीय, अंशिका कश्यप बैकुंठपुर तृतीय स्थान पर रही। 15 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग में रिचा मिश्रा भटगांव प्रथम, आदर्शनी पटनवार द्वितीय,अंशी पाठक बिलासपुर तृतीय स्थान प्राप्त की।33 वर्ष से ऊपर के आयु वर्ग में आरती खड़कवंशी चिरमिरी प्रथम स्थान पर रही। सभी विजेता प्रतिभागियों को आयोजकों द्वारा उपहार,स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह में यह रहे निर्णायक जिन का हुआ सम्मान:
स्वर्गीय रूद्र प्रसाद रूप स्मृति साहित्य एवं सांस्कृतिक सम्मान 2022 के प्रतियोगिताओ में निर्णायक की भूमिका श्री बीरेंद्र श्रीवास्तव,सतीश उपाध्याय, डॉ सपन सिन्हा, बृजलाल साहू, एमसी हिमधर, गौरव अग्रवाल, योगेश गुप्ता, अनीता चौहान, मृत्युंजय सोनी,रूद्र नारायण मिश्रा ,संतोष जैन, बीपी मिश्रा, शुभम सुर्वे, शैलेंद्र श्रीवास्तव,ताहिर आजमी, अनामिका चक्रवर्ती, ज्योत्सना जैन एवं अलीशा शेख ने निभाया।
कार्यक्रम में सभी निर्णयकगण को स्मृतिचिन्ह, मेडल और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। कोर कमेटी से लक्ष्मीकांत वैष्णव मनलाभ जांजगीर, रोशन कुमार रायपुर, हिमांशु चतुर्वेदी कोरबा ,शालिनी गुप्ता जशपुर,संदीप गौड़ बादल चिरमिरी, कृष्णदत्त घाघरा जनकपुर को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में युवा पत्रकार और गायक आयुष नामदेव एवं युवा गीतकार संगीतकार शुभांक सुर्वे ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी सम्यक क्रांति के प्रबंध निदेशक एस. के.रूप ,ज्योत्सना जैन व साधना तिवारी ने भी अपने गीतों के माध्यम से लोगों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। बच्चों के द्वारा कविता पढ़ी गई वही लोक गायकों के द्वारा छत्तीसगढ़ के माटी के सुगंध से सभागार को सुगंधित कर दिया गया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में भोजन उपरांत काव्यपाठ का दौर चला जिसमे गीता प्रसाद नेमा, भोला प्रसाद मिश्रा, राजीव लोचन त्रिवेदी,एमसी हिमधर, रविकांत अग्निहोत्री, कविता मिश्रा,राजेश पांडे, लक्ष्मी करियारे, सूरज श्रीवास,योगेश गुप्ता,रुद्र नारायण मिश्रा एवम तारा पांडेय के द्वारा काव्य पाठ कर समा बांध दिया गया।
कार्यक्रम में कार्यक्रम की रूपरेखा और मंच संचालन का बखूबी दायित्व निभाया शहर के गौरव यातायात और पुलिस विभाग के शान ट्रैफिक मैन डॉक्टर महेश मिश्रा ने। अंत में प्रबंध निदेशक द्वारा आभार प्रदर्शन कर कार्यक्रम का समापन हुआ।