रामभद्राचार्य बोले- ‘शिवराज और कमल नाथ नहीं, सनातन धर्म और अधर्म लड़ रहे चुनाव’

सिवनी। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पुरातन और श्रेष्ठ धर्म है, यह सृष्ठि की ताकत है। इसे समाप्त करने की सोचने वालों को समाप्त करना है। स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आने वाले समय जो चुनाव होना है वह बेहद महत्व वाले है। यह चुनाव कमल नाथ व शिवराज का नहीं भाजपा व कांग्रेस का नहीं। यह चुनाव सनातन धर्म के समर्थक व सनातन के विरोधियों के बीच है। हमने भगवान श्रीराम की जन्मभूमि लंबी लड़ाई के बाद जीती है सनतान की लड़ाई में भी हम जीत हासिल करेंगे।
महाराज ने कहा कि आने वाले चुनाव सिद्धांतों के लिए होने वाले हैं
महाराज ने कहा कि आने वाले चुनाव सिद्धांतों के लिए होने वाले हैं। सनातन के जो समर्थक है उन्हें जितने के लिए पूरी ताकत लगा दें। कहा कि भारत में कमल खिलाएं वह सनातन की समर्थक है।इस आशय की बात तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामनंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने पालीटेक्निक मैदान में चल रही श्रीराम कथा के चौथे दिन में कही।
मध्य प्रदेश की धरा सनातन धर्म के लिए बड़ा योगदान देने वाली भूमि
स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि मध्य प्रदेश की धरा को सनातन धर्म के लिए बड़ा योगदान देने वाली भूमि बताते हुए कहा कि यहां पप्पू-पप्पी नहीं वीर हुए, जिन्होंने सनातन को पुष्ट किया है। राजा विक्रमादित्य, रानी होल्कर, राजा भोज के योगदान बताते हुए कहा कि ब्रम्हलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वारूपानंद महाराज ने मुझे प्रकांड बनाने का मंत्र दिया था और कहा था कि रामभद्राचार्य तुम्हें कुछ दिखाई नहीं देता परंतु तुम्हें रामचरित मानस कंठस्थ है तो तुम गुरुगृह पढ़न गए रघुराई अल्पकाल विद्या सब आई, रामायण के महामंत्र के संपुट के साथ रामायण का पारायण करो, तुम्हारे पास सारी विद्याएं आ जाएंगी और मैं पढ़ा लिखा नहीं परंतु मुझे इसी मंत्र से सारी विद्याएं प्राप्त हो गई। बताया कि यह महामंत्र मुझे ब्रम्हलीन शंकराचार्य ने उस समय दिया था जब वे पूज्य गुरुदेव करपात्री महाराज के यहां जन्माष्टमी में पहुंचे थे।
भारत के आगे घुटने टकेगा पूरा संसार
स्वामी ने कहा कि आने वाले समय में पूरा संसार भारत की श्रेष्ठता व प्रतिभाओं के समक्ष घुटने टेकेगा। भारत ने चांद पर अपने चंद्रयान-3 की साफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा है। अब सूर्य पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इसरो द्वारा निर्मित आदित्य-एल 1 अंतरिक्ष यान 2 सितंबर को भारत के भरोसेमंद, बहुमुखी वर्कहार्स पीएसएलवी पर लांच किया है। भारत वह सब करेगा जिससे भारत का गौरव बढ़े भारत की शिक्षा व प्रतिभाओं को जो अवसर मिल रहे है उसका भारतीय विज्ञानी पूरी क्षमता से उपयोग कर रहे हैं।
भगवान श्रीराम ने लोक मर्यादाओं के माध्यम से जीवन जीने का संदेश दिया
भगवान श्रीराम की बाल लीलाओं का चित्रण करते हुए कहा भगवान श्रीराम ने लोक मर्यादाओं के माध्यम से जीवन जीने का संदेश दिया है। भगवान श्रीराम ने बाल्यकाल में जो लीलाएं करना चाहिए। वह सभी लोक मर्यादा के तहत करते हुए लोकरंजन किया। श्रीराम ने बाल्यकाल में अपनी लीलाओं के माध्यम से राजा दशरथ व माताओं को आनंदित किया। श्रीराम सहित चारों भाईयों के उम्र के साथ संस्कार हुए। कथा में महाराज ने उपनयन संस्कार का उल्लेख कर इसका महत्व बताया। भगवान श्रीराम सहित चारों भाइयों ने गुरु वशिष्ठ के यहां जाकर शिक्षा ग्रहण की। भगवान श्रीराम को अल्पकाल में सभी प्रकार की शिक्षाएं प्राप्त हो गई। 56 दिनों में सभी 14 प्रकार की विद्याएं प्राप्त कर ली थी।
16 संस्कार ही सनातन की ताकत
सनातन धर्म के 16 संस्कार का व्यापक महत्व बताते हुए कहा कि यही सनातन की ताकत है। हिन्दु धर्म ही सनातन वैदिक धर्म है हिन्दु वेद का शब्द है सनातन के पांच प्राण है गीता, गायत्री, गाय, गंगा और गोविंद। 22 जनवरी को रामलला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। आप सनातनी है हिन्दु है तो सनातनी होने का प्रमाण देना चाहिए।
भारत माता के प्रति अटूट श्रद्धा और उस पर सब लुटाने के लिए तैयार होना चाहिए
सभी को बताना चाहिए सनातनी होने के जो प्रतीक है वह होना चाहिए है सिर पर चोटी, माथे पर तिलक हो कांधे पर जनेऊ हो भारत माता के प्रति अटूट श्रद्धा हो और उस पर सब लुटाने के लिए तैयार होना चाहिए। स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि भारत भूमि की माटी से भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण का स्नेह रहा है इस भूमि व सनातन के प्रति हमारा समर्पण होना चाहिए।