मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आह्वान — ‘वेटलैण्ड मित्र’ बनें, जैविक विरासत को बचाएं…

नवा रायपुर में वेटलैण्ड एवं जैव विविधता संरक्षण पर उच्चस्तरीय कार्यशाला सम्पन्न...
रायपुर। छत्तीसगढ़ की जैव विविधता और आर्द्रभूमियों (वेटलैण्ड्स) के संरक्षण को समर्पित एक उच्चस्तरीय कार्यशाला का आयोजन आज नवा रायपुर स्थित दण्डकारण्य अरण्य भवन में किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्री अरुण साव व विजय शर्मा, कैबिनेट मंत्रीगण, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा…
“विकसित छत्तीसगढ़ की कल्पना केवल आधारभूत संरचनाओं तक सीमित नहीं हो सकती। इसके लिए पर्यावरणीय संतुलन और जैविक विविधता की रक्षा अनिवार्य है। प्रत्येक जनप्रतिनिधि और नागरिक को चाहिए कि वह वेटलैण्ड्स और जैव विविधता के संरक्षण के लिए ‘वेटलैण्ड मित्र’ बनकर इस अभियान को जनांदोलन में बदले।”
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जैव विविधता का संरक्षण महज़ एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के अस्तित्व से जुड़ा प्रश्न है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करें और जनजागरण फैलाएं।

छत्तीसगढ़ जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी ने जैव विविधता अधिनियम 2002, राष्ट्रीय जैव विविधता बोर्ड की भूमिका और स्थानीय जैव विविधता प्रबंधन समितियों के कार्यों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का तीसरा ऐसा राज्य है जहाँ जैव विविधता प्रबंधन समितियाँ प्रभावी ढंग से कार्य कर रही हैं।
आर्द्रभूमियों के संरक्षण पर विशेष ध्यान...
राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अरुण कुमार पाण्डेय ने वेटलैण्ड्स की पारिस्थितिक महत्ता पर प्रकाश डाला और बताया कि राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण तथा जिला स्तरीय संरक्षण समितियाँ स्थानीय स्तर पर निगरानी और संरक्षण कार्यों को गति दे रही हैं।
उन्होंने यह भी साझा किया कि गिधवा-परसदा पक्षी अभ्यारण्य अंतरराष्ट्रीय रामसर साइट बनने की सभी योग्यताओं को पूरा करता है, जबकि बलौदाबाजार जिले का खोखरा ग्राम राज्य की पहली प्रस्तावित रामसर साइट के रूप में सूचीबद्ध होने की प्रक्रिया में है।
‘वेटलैण्ड मित्र’ बनकर निभाएं भूमिका...
कार्यशाला के अंत में सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से आह्वान किया गया कि वे “वेटलैण्ड मित्र” के रूप में आगे आएं और जैव विविधता एवं वेटलैण्ड्स के संरक्षण में नेतृत्वकारी भूमिका निभाएं। यह पहल राज्य में पर्यावरणीय चेतना को सशक्त जनआंदोलन में बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव (वन) श्रीमती ऋचा शर्मा, छत्तीसगढ़ वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव, जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव राजेश कुमार चंदेले सहित अनेक विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।