इस साल नर्मदा नदी के जल से अपने खेत सींच सकेंगे घटि्टया और तराना तहसील के किसान

उज्जैन। उज्जैन जिले की घटि्टया और तराना तहसील के किसानों के लिए खुशखबरी है। वे इस साल रबी सीजन (अक्टूबर से दिसंबर) में अपने खेत नर्मदा नदी के जल से सींच सकेंगे। पानी के लिए उन्हें निजी बोरिंग या कुओं पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। ये दावा नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के कार्यपालन यंत्री देवराज पटेल ने किया है।
नर्मदा-शिप्रा बहुउद्देश्यीय योजना पूर्ण होने की कगार पर
उन्होंने कहा है कि 1856 करोड़ रुपये की नर्मदा-शिप्रा बहुउद्देश्यीय योजना पूर्ण होने की कगार पर है। पाइपलाइन की टेस्टिंग जारी है। घट्टिया के 7 और तराना के 77 गांवों के खेतों में पाइपलाइन से नर्मदा का पानी पहुंचाने का इंतजाम हो गया है। जहां तक सवाल नर्मदा का जल उज्जैन, उन्हेल, नागदा शहर के लोगों को घरेलू एवं औद्योगिक उपयोग के लिए दिए जाने का है तो इसके लिए पाइपलाइन बिछा दी गई है। इंतजार नगरीय निकाय और उद्योग संघ से अनुबंध होने का है।
100 गांवों की 30 हजार हेक्टेयर जमीन
मालूम हो कि उज्जैन जिले की घटि्टया एवं तराना तहसील के 100 गांवों की 30 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई करने और लोगों की पेयजल एवं औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 26 सितंबर 2018 को नर्मदा-शिप्रा बहुउद्देशीय योजना का भूमिपूजन किया था।
तब कहा गया था कि ओंकारेश्वर जलाशय से 15 क्यूसेक (15 घन मीटर प्रति सेकंड) नर्मदा का जल शिप्रा, गंभीर और काली सिंध नदी के कछारों तक 1400 मिलीमीटर व्यास की पाइपलाइन बिछाकर पहुंचाया जाएगा। इससे उज्जैन, शाजापुर, मक्सी में जल संकट सदा के लिए समाप्त हो जाएगा। प्रोजेक्ट 42 महीने में यानी जनवरी-2022 तक पूरा जाना था मगर नहीं हो सका। प्राधिकरण ने कारण दो बताए हैं। पहला, दो साल में दो मर्तबा लगा लाकडाउन। दूसरा, किसानों की जमीन अधिग्रहित करने में आई अड़चन। अनुबंधित एलएंडटी कंपनी 98 प्रतिशत काम पूर्ण कर चुकी है।
गंभीर की पाइपलाइन से जोड़ने को निगम बिछा रहा पाइपलाइन
नर्मदा पाइपलाइन से गंभीर की रा-वाटर पाइपलाइन को जोड़ने (टी-कनेक्शन) का काम नगर निगम तेजी से करवा रही है। गऊघाट से चिंतामन पुल तक 800 एमएम व्यास की 550 मीटर लंबी पाइपलाइन भोपाल की आदि एक्वा प्रोजेक्ट्स कंपनी द्वारा बिछाई जाना है। इस कार्य के एवज में कंपनी को एक करोड़ 88 लाख रुपये मिलेंगे। कायदे से काम अब पूर्ण हो जाना था मगर नहीं हो सका है। दावा है कि भविष्य में जब-जब उज्जैन में जल संकट गहराएगा, नर्मदा का शुद्ध पानी सीधे पाइपलाइन के जरिये गऊघाट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचाकर पूरे शहर में प्रदाय कराया जाएगा।
उज्जैन में नर्मदा जल लाने को अब दो पाइपलाइन
नर्मदा का जल उज्जैन लाने को अब दो पाइपलाइन उपलब्ध है। एक पाइपलाइन इंदौर के गांव मुंडला दोस्तदार स्थित पंपिंग स्टेशन से उज्जैन के त्रिवेणी क्षेत्र तक (1325 मिलीमीटर व्यास की 66.17 किमी लंबी) बिछी है, जिसका लोकार्पण साल-2019 में हुआ था। इस पाइपलाइन के दो आउटलेट हैं। एक त्रिवेणी ब्रिज के पूर्वी तरफ हरियाखेड़ी गांव में और दूसरा त्रिवेणी मोक्षधाम के किनारे। इस पाइपलाइन को बिछाने पर 139 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। दूसरी, पाइपलाइन बहुउद्देशीय योजना अंतर्गत बिछाई गई है। कहा गया है कि नर्मदा-शिप्रा बहुउद्देशीय योजना अंतर्गत नई पाइपलाइन बिछाने से उद्योगों को भी पानी मिला करेगा। साथ ही शहर में पानी सप्लाई करने में हो रहा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का खर्च भी घटेगा।
यह भी जानिए
पाइपलाइन से कनेक्शन लेने के लिए नगरीय निकाय, ग्राम पंचायत, किसान, उद्यमियों को शुल्क चुकाना होगा। नर्मदा जल की वर्तमान कीमत 22 रुपये 60 पैस प्रति घन मीटर है। उज्जैनवालों की पेयजल आपूर्ति करने के लिए सरकार ने एक पाइपलाइन गंभीर बांध से 8 किलोमीटर दूर तक भी बिछा रखी है।