रूफटॉप सोलर प्लांट से रीता मिश्रा का घर बना आत्मनिर्भर — बिजली बिल हुआ शून्य, आय का नया जरिया भी खुला

दंतेवाड़ा। प्रधानमंत्री ‘सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ अब आम लोगों के जीवन में उजाला भर रही है। इसका एक प्रेरक उदाहरण हैं दंतेवाड़ा की गृहणी श्रीमती रीता मिश्रा, जिन्होंने अपने घर की छत पर रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाकर न केवल बिजली बिल से छुटकारा पाया, बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर कमाई का नया जरिया भी शुरू किया।
रीता मिश्रा बताती हैं कि पहले हर महीने आने वाले भारी बिजली बिल से घर का बजट बिगड़ जाता था, लेकिन अब उनका बिल “लगभग शून्य” हो गया है। वे कहती हैं —
“अब बिजली की चिंता नहीं रहती, उल्टा बची हुई बिजली से आमदनी हो जाती है। यह योजना हमारे जैसे मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है।”
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना बनी राहत का साधन...
श्रीमती मिश्रा ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना बिजली उपभोक्ताओं के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रही है। इस योजना के तहत न केवल आकर्षक सब्सिडी दी जा रही है, बल्कि उपभोक्ता अपनी छत पर सोलर प्लांट लगाकर अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचकर कमाई भी कर सकते हैं।
राज्य सरकार ने इस योजना को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है।
- 1 किलोवाट प्लांट पर ₹45,000 तक की सहायता
- 2 से 3 किलोवाट पर ₹90,000 तक की सहायता
- 3 किलोवाट से अधिक पर कुल ₹1,08,000 की सहायता
यह राशि केंद्र सरकार की सब्सिडी के अतिरिक्त दी जा रही है।
ऑनलाइन आवेदन हुआ आसान और पारदर्शी...
पीएम सूर्य घर योजना की सबसे बड़ी खासियत इसका पूरी तरह ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया है। उपभोक्ता pmsuryaghar.gov.in पोर्टल पर जाकर कुछ आसान चरणों में पंजीयन कर सकते हैं —
- राज्य और बिजली वितरण कंपनी का चयन करें।
- उपभोक्ता नंबर और मोबाइल नंबर डालकर लॉगिन करें।
- आवेदन अनुमोदन और पंजीकृत वेंडरों की सूची पोर्टल पर ही मिलेगी।
- इंस्टॉलेशन पूरी होने पर नेट मीटर के लिए आवेदन भी पोर्टल से ही करें।
इसके बाद बिजली वितरण कंपनी और अधिकृत वेंडर आगे की सभी प्रक्रिया पूरी करते हैं।
भारत सरकार ने इस योजना के लिए बैंकों से 6.5% से 7% ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की है।
“बिना दफ्तर के चक्कर, बिना परेशानी – मिला उज्जवल लाभ”
रीता मिश्रा के पति अशोक मिश्रा बताते हैं कि इस योजना का सबसे अच्छा पहलू यह रहा कि —
“हमें किसी भी कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़े। न बैंक के दौरे, न कागज़ी झंझट। सारी प्रक्रिया बिजली वितरण कंपनी और वेंडरों ने पूरी कर दी।”
वे आगे कहते हैं कि अब वे खुद को ‘ऊर्जादाता नागरिक’ मानते हैं और दूसरों को भी योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
स्वच्छ ऊर्जा और आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम...
भारत सरकार का लक्ष्य शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन (Net Zero Carbon Emission) की दिशा में है, और पीएम सूर्य घर योजना इस दिशा में जनभागीदारी का मजबूत माध्यम बन रही है। रीता मिश्रा जैसी गृहणियाँ अब सिर्फ बिजली की उपभोक्ता नहीं रहीं — वे ऊर्जा उत्पादक बनकर देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपनी भूमिका निभा रही हैं।


