छत्तीसगढ़ में तहसीलदारों की हड़ताल खत्म, सरकार से मिले भरोसे के बाद लिया फैसला…

रायपुर, छत्तीसगढ़ — राज्य के राजस्व तंत्र को प्रभावित कर रही तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आखिरकार समाप्त हो गई है। 28 जुलाई से चल रही यह हड़ताल शनिवार को उस समय खत्म करने की घोषणा की गई, जब राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से हुई बातचीत में अधिकारियों को उनकी मांगों पर सकारात्मक आश्वासन मिला।
राजस्व कामकाज पर पड़ा था व्यापक असर...
हड़ताल के दौरान प्रदेशभर में नामांतरण, बंटवारा, जमीन से जुड़े विवादों का निपटारा और जाति-आय-निवास जैसे प्रमाण पत्रों का वितरण पूरी तरह रुक गया था। इससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। तहसीलों में फाइलें जमी रहीं और सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा।
मंत्री टंकराम वर्मा का बयान...
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि तहसीलदारों की कुछ प्रमुख मांगों पर सहमति बन गई है और बाकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रुके हुए कामों को जल्द ही प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा।
क्या थीं प्रमुख मांगें?
- तहसीलों में आवश्यक पदस्थापना – कंप्यूटर ऑपरेटर, KGO, भृत्य, वाहन चालक, आदेशिका वाहक, राजस्व निरीक्षक व पटवारियों की तैनाती की मांग की गई थी।
- नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित श्रेणी में शामिल करना – पूर्व में की गई घोषणा के तत्काल क्रियान्वयन की मांग की गई।
- ग्रेड पे में संशोधन – तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के ग्रेड पे में जल्द सुधार की अपेक्षा जताई गई।
- शासकीय वाहन की सुविधा – सभी तहसीलों में सरकारी वाहन या वाहन भत्ता देने की मांग।
- अनुशासनात्मक कार्रवाई की समीक्षा – बिना विधिवत प्रक्रिया के निलंबित अधिकारियों की 15 दिनों के भीतर जांच पूरी कर बहाल करने की मांग शामिल थी।
सरकार और अफसरों के बीच बनी सहमति...
इन मुद्दों को लेकर कई दिनों से चल रहा गतिरोध अब समाप्त हो गया है। हड़ताल खत्म होने के साथ ही उम्मीद की जा रही है कि राजस्व कार्य फिर से पटरी पर लौटेंगे और लोगों को राहत मिलेगी।