‘हेल्थ एंड नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025’ : गुटखा और पान मसाला उद्योग पर सख्त निगरानी के लिए सरकार लाएगी नया सेस बिल

नई दिल्ली। केंद्र सरकार गुटखा, पान मसाला और तंबाकू आधारित उद्योगों पर नियंत्रण कड़ा करने के लिए शीतकालीन सत्र में बड़ा विधेयक लाने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में “हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025” पेश करेंगी। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े खर्च के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना है।
प्रस्तावित बिल के तहत गुटखा, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों पर भारी सेस लगाया जाएगा। विशेष प्रावधान यह है कि सेस उत्पादन की वास्तविक मात्रा पर नहीं, बल्कि मशीनों की अधिकतम उत्पादन क्षमता के आधार पर तय होगा। यानी उत्पादन कम हो या ज्यादा, सेस मशीन की निर्धारित क्षमता के अनुसार देना अनिवार्य होगा।
हाथ से तैयार होने वाले गुटखा और पान मसाले के लिए भी मासिक आधार पर निश्चित सेस लागू होगा। हालांकि, किसी मशीन या यूनिट के 15 दिन या अधिक समय तक बंद रहने पर उस अवधि के लिए राहत दी जा सकती है।
नए कानून में निर्माताओं के लिए अनिवार्य रजिस्ट्रेशन, मासिक उत्पादन विवरण और सेस से संबंधित रिटर्न दाखिल करना जरूरी होगा। अधिकारी किसी भी समय निरीक्षण, जांच और ऑडिट कर सकेंगे। नियमों का उल्लंघन करने पर पांच साल तक की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही, सरकार आवश्यकता पड़ने पर सेस की दर दोगुनी करने का अधिकार रखेगी।
सरकार का कहना है कि तंबाकू उत्पादों से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य नुकसान और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को देखते हुए अतिरिक्त संसाधन जुटाने की जरूरत है। नए सेस से मिलने वाली राशि संसद की मंजूरी के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा और जन स्वास्थ्य पर खर्च की जाएगी।
अनुमान है कि बिल लागू होने पर छोटे और मध्यम स्तर की कई उत्पादन इकाइयों पर आर्थिक दबाव बढ़ सकता है, जबकि बड़े निर्माताओं को कीमतें बढ़ानी पड़ सकती हैं। विशेषज्ञ इसे तंबाकू नियंत्रण की दिशा में सरकार का अब तक का सबसे कठोर कदम मान रहे हैं।



