छत्तीसगढ़ में ‘मोर गांव मोर पानी’ अभियान बना जनआंदोलन, मुख्यमंत्री ने विमोचित की प्रेरणादायक पुस्तिका…

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय में जल संरक्षण पर केंद्रित महाअभियान ‘मोर गांव मोर पानी’ पर आधारित विशेष पुस्तिका का विमोचन किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, प्रमुख सचिव पंचायत निहारिका बारीक, मनरेगा आयुक्त और पीएम आवास योजना के संचालक तारण प्रकाश सिन्हा समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
पंचायती राज दिवस पर शुरू हुआ जनसहभागिता का यह अभियान...
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पंचायती राज दिवस के अवसर पर आरंभ किया गया यह विशेष अभियान अब जनसहभागिता के चलते एक सशक्त जनआंदोलन का रूप ले चुका है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों की सक्रिय भूमिका और आम जनता की स्वप्रेरित भागीदारी के कारण यह पहल एक सामाजिक बदलाव का प्रतीक बन रही है।
पुस्तिका बनी प्रेरणा का स्रोत...
मुख्यमंत्री ने बताया कि विमोचित पुस्तिका में राज्य की विभिन्न पंचायतों द्वारा किए गए जल संरक्षण कार्यों, नवाचारों और सफल प्रयासों का संकलन है। यह अन्य पंचायतों को भी प्रेरित करेगा और बेहतर दिशा दिखाएगा।
राज्य की 11,000 ग्राम पंचायतों की दीवारों पर दर्ज भूजल स्तर...
अभियान के तहत सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। राज्य की 11,000 से अधिक ग्राम पंचायत भवनों की दीवारों पर भूजल स्तर अंकित किया गया है, जिससे लोगों में जल संरक्षण के प्रति व्यवहारिक चेतना विकसित हो रही है।
प्रशिक्षण से लेकर तकनीक तक, हर स्तर पर ठोस पहल...
- 626 क्लस्टर्स में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें 56,000 से अधिक प्रतिभागियों को जल प्रबंधन व संरक्षण के लिए प्रशिक्षित किया गया।
- GIS तकनीक के माध्यम से जल संरचनाओं की प्रभावी योजना बनाई जा रही है।
- जलदूत ऐप के जरिए खुले कुओं के जल स्तर की निगरानी की जा रही है।
- परकोलेशन टैंक, अर्दन डैम, डिफंक्ट बोरवेल रिचार्ज स्ट्रक्चर जैसे उपायों से जल पुनर्भरण के स्थायी उपाय किए जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ बन रहा है जल संरक्षण का राष्ट्रीय मॉडल...
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि ग्राम पंचायतों के सतत प्रयासों से छत्तीसगढ़ आने वाले समय में जल संरक्षण के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित होगा।