Amit-Abhishek की कारस्तानी…मिल रहा अधिकारीयों का भरपूर साथ…दुकानों की है खस्ता हालत…गिरेगी दोषी व्यक्तयों पर गाज… आला अधिकारीयों ने लिया संज्ञान…

रायपुर| एक समय था जब BIS कंपनी में अमित, अभिषेक और राजा का राज चला करता था| लेकिन विभागीय अधिकारीयों को जैसे जैसे इनके काले कारनामों के बारे में पता चलते गया विभागीय गाज के साथ इनकी दोस्ती में भी दरार आता चला गया| आलम यह है अब की तीन तिगड़म की जोड़ी में से सिर्फ जय और वीरू की दोस्ती ही सलामत है गब्बर कहे जाने वाले राजा सारथी पर विभागीय गाज गिरने के कारण जय और वीरू यानी अमित और अभिषेक से हमेशा के लिए दूर हो गया|
क्या है मामला...
पहले अमित के बारे में जान लीजिये…
अमित शर्मा या अमित मुतगल नाम भले ही आपको दो लग रहे हैं लेकिन व्यक्ति एक ही है| बीते दिनों एक खबर आई थी की अमित शर्मा के अधिनस्थ आने वाले शराब दुकान व्यास तलब मैटल पार्क स्थित देसी शराब दुकान लाखों की घटती का भार ढो रहा है| रकम भी कोई छोटी नहीं बल्कि 10 लाख रूपये जैसी बड़ी रकम है| व्यास तलब मैटल पार्क स्थित देसी शराब दुकान में दिलीप यादव नमक व्यक्ति को दुकान के सुपरवाइजर पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है| विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिलीप यादव और एरिया मैनजर अमित शर्मा की आपसी जुगलबंदी ने ही सरकारी खजाने में इतना बड़ा छेद कर दिया है| मिली जानकारी के अनुसार अमित शर्मा के अधिनस्थ आने वाले अधिकांश दुकान जैसे (उरला, गोगांव, भांटागांव) के शराब दुकानों में भी घटती की खबर है|
अमित शर्मा के अधिनस्थ आने वाले भांटागांव शराब दुकान की बात की जाए तो बीती रात इस दुकान का एक विडियो भी हमारे हांथ लगा है| विडियो में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है की किस तरह से दुकानों के बहार लूट चल रही है| दुकानों के बहार बाकायदा एक व्यक्ति की तैनाती की गई है जो शराब को अतिरिक्त दर पर बेच रहा है| वहीं शराब लेने आए ग्राहकों से पूछने पर पता चला है की यह कृत्य यहाँ प्रतिदिन किया जाता है| कई ग्राहकों ने यह भी बताया की दुकान के कर्मचारियों द्वारा ही करवाया जाता है| ताकि काली कमाई का कुछ हिस्सा उनके जेब में भी जा सके|
अब नंबर आता है अभिषेक शर्मा का…
अभिषेक शर्मा के अधिनस्थ आने वाले दुकानों का भी हाल कुछ ऐसा ही है| पूर्व में अभिषेक शर्मा पर तो कई गंभीर आरोप भी लगे हैं लेकिन विभागीय अधिकारी तो मानों जैसे मस्त मौला की जिंदगी व्यतीत कर रहे हों| अभिषेक शर्मा खुद इस योग्य तो नहीं की इस पद का भार उनके नाजुक कन्धों में दिया जा सके| आबकारी नियमों की माने तो जो व्यक्ति स्नातक की डिग्री हासिल कर चुका है उसे ही एरिया मैनेजर बनाया जाना चाहिए लेकिन विशेष सूत्रों की माने तो यह दोनों तो ढंग से 12वीं क्लास भी पास नहीं कर पाए हैं फर्जी डिग्री फर्जी निवास प्रमाण पत्र के सहारे यह दोनों आज एरिया मैनेजर के पद पर काबिज है। बता दे कि आबकारी नियम के अनुसार जो व्यक्ति छत्तीसगढ़ का स्थायी निवासी है उसे ही कार्य पर रखने का प्रावधान है लेकिन यहां तो BIS कंपनी के एमडी पिरन सिंह की लीला अपरंपार है। विशेष सूत्रों की माने तो सभी के जाली दस्तावेज बनवाकर यह तीनों आज एरिया मैनेजर के पद पर काबिज है अपने और मासिक महानताना के साथ-साथ ऊपरी मलाई भी सफाचट कर रहे हैं। अब इस ऊपरी मलाई का हिस्सा बंटवारा कहां-कहां किया जाता है यह तो यह तीनों ही बता सकते हैं या फिर इनका भगवान ही मालिक है। अमित और अभिषेक के और भी ऐसे कई कारनामे है जिसे हम बहुत जल्द ही पर्दा उठाएंगे।