विजय माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी 180 करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने का मामला….

68 वर्षीय व्यवसायी के खिलाफ सीबीआई की दलील और “भगोड़े” के रूप में उनकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए अन्य गैर-जमानती वारंट का हवाला देते हुए, अदालत ने कहा, “यह उनके खिलाफ ओपन-एंडेड एनबीडब्ल्यू जारी करने का एक उपयुक्त मामला है.
मुंबई की एक विशेष अदालत ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह गैर जमानती वारंट विजय माल्या के खिलाफ इंडियन ओवरसीज बैंक से जुड़े 180 करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने के मामले से जुड़ा है। अदालत ने माल्या के खिलाफ 29 जून को गैर जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन इसका आदेश सोमवार को उपलब्ध हुआ
चार्जशीट में ये हैं माल्या पर आरोप
चार्जशीट के अनुसार, विजय माल्या ने साल 2007 से 2012 के बीच उस वक्त संचालित हो रही किंगफिशर एयरलाइंस के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक से 180 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। जांच एजेंसी का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2010 में एसबीआई बैंक को विमानन क्षेत्र के लिए एकमुश्त उपाय के लिए किंगफिशर एयरलाइंस के प्रस्ताव पर विचार करने का निर्देश दिया था। इसके बाद इंडियन ओवरसीज बैंक समेत 18 बैंकों के संघ ने किंगफिशर एयरलाइंस के साथ एमडीआरए समझौता किया। आरोप है कि किंगफिशर के प्रमोटर विजय माल्या ने धोखाधड़ी के इरादे से पुनर्भुगतान दायित्वों को जानबूझकर पूरा नहीं किया। इससे बैंक को 141.91 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और कर्ज को शेयरों में बदलने के कारण 38.30 करोड़ का अतिरिक्त नुकसान हुआ। पूर्व राज्यसभा सांसद विजय माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़कर चले गए थे। जनवरी 2019 में माल्या के खिलाफ कई कर्ज न चुकाने और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया गया।