जेलों की दीवारों के भीतर शांति का सफर: सीएम साय की अनूठी पहल, बदल रही कैदियों की जिंदगी

रायपुर। कभी नक्सलवाद और हिंसा से जूझ चुके छत्तीसगढ़ में अब सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में पहल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जेल सुधारों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी कड़ी में राज्य की सभी जेलों में कैदियों के लिए योग, ध्यान और सुदर्शन क्रिया का कार्यक्रम शुरू किया गया है।
जेल अब सिर्फ सज़ा नहीं, सुधार की संस्था...
सरकार का मानना है कि जेल महज़ दंड का स्थान नहीं बल्कि सुधार और पुनर्वास का माध्यम होना चाहिए। इसी सोच के तहत प्रतिदिन सुबह 7:30 से 9:30 बजे तक सभी कैदियों को योग और ध्यान कराया जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि इससे कैदियों के व्यवहार और अनुशासन में सकारात्मक बदलाव नज़र आने लगे हैं।
आर्ट ऑफ लिविंग की भूमिका...
इस पहल में आर्ट ऑफ लिविंग संस्था का सहयोग लिया गया है। संस्था के प्रशिक्षक कैदियों को “प्रिजन कोर्स” के माध्यम से योग, ध्यान और सुदर्शन क्रिया का अभ्यास करा रहे हैं। जेल अधिकारियों के मुताबिक इस अभ्यास से कैदियों का तनाव कम हुआ है, नींद बेहतर हुई है और आत्मबल बढ़ा है।
नक्सल प्रभावित इलाकों में असर...
बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित जिलों की जेलों में यह पहल खास असर दिखा रही है। यहां वे कैदी, जो कभी हिंसा और हथियारों के रास्ते पर थे, अब योग और ध्यान में जुटे हुए हैं। यह बदलाव समाज को भी संदेश देता है कि हिंसा छोड़कर शांति और आत्मबल की राह अपनाई जा सकती है।
सरकार और कैदियों की प्रतिक्रिया...
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है—
हम चाहते हैं कि जेल से निकलने के बाद कैदी समाज के लिए बोझ न बनें, बल्कि रचनात्मक योगदान दें। योग और सुदर्शन क्रिया उन्हें नया जीवन प्रदान करेंगे।
वहीं कई कैदियों ने भी माना कि इस अभ्यास ने उनके गुस्से और नकारात्मकता को कम किया है और उन्हें जीवन को नई दृष्टि से देखने की ताक़त दी है।