मध्यप्रदेश में दुनिया की पहली ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ का लोकार्पण…

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को सीएम हाउस में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण किया। यह घड़ी पूरी तरह भारतीय काल गणना पर आधारित है और इसे दुनिया की पहली वैदिक घड़ी माना जा रहा है। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, मंत्री विश्वास सारंग, राज्य मंत्री कृष्णा गौर और विधायक रामेश्वर शर्मा सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इससे पहले शौर्य स्मारक से सीएम हाउस तक युवाओं ने मार्च निकालकर इस अनोखे कार्यक्रम को और खास बना दिया।
‘रात 12 बजे दिन बदलने की परंपरा निरर्थक’
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे पर्व और त्योहार अंग्रेजी कैलेंडर पर नहीं, बल्कि तिथियों और ऋतुओं के आधार पर मनाए जाते हैं। ऐसे में समय की गणना सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही उचित है। उन्होंने कहा – “रात 12 बजे दिन बदलने का कोई महत्व नहीं। भारत की प्राचीन पद्धति में 60 सेकंड के बजाय 30 घंटे को 30 मुहूर्त में बांटा गया है।”
‘वैदिक गणना आज भी सटीक’
सीएम ने आगे कहा कि प्राचीन काल में समय की गणना सूर्य की छाया के आधार पर होती थी। उज्जैन को भारत का खगोलीय केंद्र माना गया है और यहां से जुड़ी गणनाएँ हजारों साल से की जा रही हैं। उन्होंने दावा किया कि वैदिक गणना पद्धति 10 हजार साल पुराने सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण की तारीख भी सटीक बता सकती है, जो आज के आधुनिक कंप्यूटर भी नहीं कर पाते।
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी की खासियत...
यह अनोखी घड़ी भारतीय काल पद्धति पर आधारित है। इसमें 30 घंटे में 30 मुहूर्त की जानकारी मिलती है। घड़ी सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर समय बताती है। इसके साथ ही इसमें ग्लोबल टाइम और भारतीय मानक समय (IST) की भी सुविधा है।
इसकी मोबाइल एप में 7 हजार से अधिक पंचांग उपलब्ध हैं, जिनसे तिथि, नक्षत्र, योग, व्रत और त्योहार की जानकारी ली जा सकती है।