मनरेगा की डबरी योजना से बदली किसानों की तकदीर — अब खेती और मछली पालन से बढ़ी आमदनी

गरियाबंद। मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित डबरी (छोटे जलाशय) आज ग्रामीण किसानों की आर्थिक प्रगति का प्रमुख जरिया बन चुकी हैं। ये डबरी न केवल वर्षा जल के संचयन का स्थायी माध्यम प्रदान करती हैं, बल्कि सिंचाई सुविधा बढ़ाकर खेती को सालभर संभव बनाती हैं। इसके साथ ही मछली पालन जैसे अतिरिक्त आय के साधन भी उपलब्ध कराती हैं, जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।
डबरी बनी आत्मनिर्भरता की पहचान...
गरियाबंद जिले से 67 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत मुड़ागांव में रहने वाले कृषक तिरन रूपधर पहले वर्षा जल पर निर्भर खेती करते थे। बेमौसम बारिश और पानी की कमी के कारण हर साल फसलें खराब हो जाती थीं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही थी।

ग्राम सभा में जब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत हितग्राही मूलक कार्यों की जानकारी दी गई, तो तिरन रूपधर ने डबरी निर्माण के लिए आवेदन किया। प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद डबरी का निर्माण शुरू हुआ, और अब वही डबरी उनके जीवन में खुशहाली का जरिया बन गई है।
मछली पालन से मिली अतिरिक्त आमदनी...
तिरन रूपधर बताते हैं —
डबरी बनने से हमारी आय में लगातार वृद्धि हो रही है। खेतों की सिंचाई की सुविधा मिलने से फसल की गुणवत्ता बेहतर हुई है और मछली पालन से अतिरिक्त आमदनी भी हो रही है। अब दैनिक खर्चों की पूर्ति आसानी से हो जाती है।
खेती में उत्पादन बढ़ा, आत्मविश्वास लौटा...
डबरी बनने से पहले उनकी जमीन पर सिंचाई की कमी के कारण फसल मुश्किल से होती थी। लेकिन अब पर्याप्त पानी मिलने से कृषि उत्पादन बढ़ गया है। वे कहते हैं —
पहले खेत सूखे रहते थे, अब डबरी के पानी से खेत हरे-भरे हैं। आर्थिक स्थिति सुधरी है और परिवार खुशहाल हुआ है।
ग्रामीणों के लिए प्रेरणास्रोत बना उदाहरण...
तिरन रूपधर आज गांव के अन्य किसानों को भी डबरी निर्माण के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस योजना से हर किसान अपनी जमीन को उपजाऊ बना सकता है और खेती को लाभ का व्यवसाय बना सकता है।
मुख्य बातें...
- मनरेगा के तहत डबरी निर्माण से ग्रामीणों को मिला स्थायी सिंचाई स्रोत
- मछली पालन से अतिरिक्त आमदनी और आजीविका में सुधार
- कृषि उत्पादन में वृद्धि, आर्थिक स्थिति में मजबूती
- योजना ने गांवों में आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम की



