घरेलू कोयले का उत्पादन बढ़ा तो 53.13 प्रतिशत घट गया आयात

कोरबा। घरेलू कोयला उत्पादन में हुई वृद्धि की वजह से देशभर के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयला आयात में 53.13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं अधिक कोयले की मांग के बीच बिजली क्षेत्र में स्वदेशी कोयले की आपूर्ति में 5.80 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। कोयले का भंडारण भी 25.08 प्रतिशत बढ़ गया है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोल इंडिया की खदानों से उम्मीद के मुताबिक कोयला उत्पादन नहीं हो सका। इसकी वजह से देश की ताप विद्युत संयंत्रों के सामने कोयले की संकट खड़ी हो गई। नौबत यह आ गई कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को एक आदेश जारी कर आपूर्ति व मांग में संतुलन बनाने 10 प्रतिशत कोयला विदेश से खरीदने का निर्देश देना पड़ा। कोयला खदानों के नजदीक में संचालित एनटीपीसी समेत अन्य निजी संयंत्रों को आस्ट्रेलिया व इंडोनेशिया से कोयला आयात करना पड़ा। इसके साथ ही कोयला मंत्रालय ने न केवल कोल इंडिया के खदानों से कोयला उत्पादन में वृद्धि पर अपना ध्यान केंद्रित किया, बल्कि कमर्शियल माइनिंग को भी बढ़ावा देते हुए कोल ब्लाक आबंटन व उन्हें विकसित किए जाने की प्रक्रिया को तेज किया। इसका नतीजा यह रहा कि विद्युत संयंत्रों में कोयले की डिमांड बढ़ने के बावजूद कोयले की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है। बिजली क्षेत्र को वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल 2023 से अगस्त 2023 तक 324.50 मीट्रिक टन कोयला दिया जा चुका है। जबकि पिछले इसी अवधि में यह 306.70 मीट्रिक टन था। इस पर्याप्त वृद्धि से विद्युत क्षेत्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मजबूत कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित हुआ है। इसी तरह संयंत्रों में चालू वित्तीय वर्ष में अभी तक 68.76 मीट्रिक टन के स्टाक की तुलना में सराहनीय रूप से बढ़कर 86.00 मीट्रिक टन हो चुका है। इसके अतिरिक्त कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) में पिटहेड कोयला स्टाक 45.33 मिलियन टन है, जिसमें 31.12 मिलियन टन के कोयला स्टाक की तुलना में 45.66 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
अब केवल चार प्रतिशत करना होगा आयात
दो साल पहले ऊर्जा मंत्रालय ने घरेलू कोयले में कमी का हवाला देते हुए अपनी खपत का 10 प्रतिशत हिस्सा विदेशी कोयला खरीदने को लेकर गाइडलाइन जारी की थी। कोयले की पर्याप्त उपलब्धता की वजह से अब मार्च 2024 तक विद्युत संयंत्रों को चार प्रतिशत विदेशी कोयला खरीदने को कहा गया है। साथ ही इस बार राहत देते हुए कोयला खदानों के समीप संचालित संयंत्रों को इस दायरे से बाहर रखा गया है। कोयला मंत्रालय लगातार कमर्शियल माइनिंग को बढ़ावा दे रहा है। साथ ही कोल इंडिया प्रबंधन भी उत्पादन में वृद्धि की कवायद कर रहा है। इसका ही परिणाम है कि कोयले की मजबूत आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।
विद्युत उत्पादन में 6.58 प्रतिशत उछाल
ताप विद्युत उत्पादन में 6.58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले वर्ष की इसी अवधि में 485.42 बीयू की तुलना में 517.34 बीयू (अप्रैल-अगस्त 2023) तक पहुंच गया है। इसके अलावा, डीसीबी (टीपीपी) के लिए तापीय कोयले के आयात नौ मीट्रिक टन रहा गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 19.2 मीट्रिक टन था। यह गिरावट घरेलू उत्पादन को प्राथमिकता देने और कोयले की आपूर्ति में आत्मनिर्भर की ओर बढ़ते कदम का इशारा है।
मेक इन इंडिया की पहल को बढ़ावा
कोयला मंत्रालय की विशेष रणनीतिक और कुशल निष्पादन के माध्यम से कोयला उत्पादन व आपूर्ति को बढ़ावा मिला है। उच्च क्षमता वाले आयातित खनन उपकरणों पर भारत की निर्भरता में कमी लाने और घरेलू उत्पादन के लिए मंत्रालय कोयला खनन क्षेत्र में हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) के लिए स्वदेशी विनिर्माण क्षमताओं को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है। कोयला खनन क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल पर बल देता है।