Weather Update: दिल्ली का अधिकतम तापमान बढ़ा, वायु गुणवत्ता फिर ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज

दिल्ली में मौसम ने फिर से गर्मी की ओर रुख कर लिया है, जिससे राजधानी का अधिकतम तापमान इस सप्ताह अचानक बढ़ा है. इसके साथ ही, दिल्ली की वायु गुणवत्ता भी एक बार फिर ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है. मौसम विभाग के अनुसार, राजधानी में बढ़ते तापमान और प्रदूषण के कारण लोगों को सांस की तकलीफ और अन्य शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
तापमान में बढ़ोतरी और इसके प्रभाव:
मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली का अधिकतम तापमान आज 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से काफी अधिक है. पिछले कुछ दिनों से हवा में नमी और गर्मी का मिश्रण बना हुआ था, जिसके कारण गर्मी का अनुभव बढ़ गया है. इस बढ़ते तापमान के कारण शहर में लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ा है, खासकर दिन के समय.
वायु गुणवत्ता का बिगड़ना और प्रदूषण स्तर:
दिल्ली की वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) भी आज ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई है, जिसकी वजह से सांस लेने में कठिनाई और अन्य शारीरिक समस्याएं बढ़ने का खतरा है. विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, खासकर सर्दी के मौसम के बाद. हवा में धूल और प्रदूषण के कणों की अधिकता के कारण शहर के कई हिस्सों में हद से ज्यादा धुंआ देखा जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
स्वास्थ्य पर प्रभाव और प्रशासन की चेतावनी:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे प्रदूषित हवा से बचने के लिए बाहर निकलते वक्त मास्क का प्रयोग करें और खासकर बच्चों और बुजुर्गों को घर में रहने की सलाह दी है. दिल्ली सरकार ने भी वायु गुणवत्ता के बिगड़ने के मद्देनजर लोगों से संयम रखने की अपील की है और वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए जल्द ही कड़े कदम उठाने की बात कही है.
आने वाले दिनों का मौसम:
मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक दिल्ली में तापमान में वृद्धि जारी रह सकती है और वायु गुणवत्ता का स्तर ‘खराब’ श्रेणी में बना रह सकता है. हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ दिन बाद बारिश से वायु प्रदूषण पर काबू पाया जा सकता है, जिससे हवा में सुधार हो सकता है.
दिल्ली में बढ़ते तापमान और खराब वायु गुणवत्ता ने शहरवासियों के लिए कई समस्याएं खड़ी कर दी हैं. प्रशासन और नागरिकों दोनों को मिलकर इस गंभीर समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि पर्यावरण और स्वास्थ्य पर इसका दीर्घकालिक असर कम किया जा सके.