ओवर रेटिंग या कोचिया किसकी मिली परमीशन…!! कैसे दिया जा रहा शराब दुकानों में अंजाम…

छत्तीसगढ़ के शराब दुकानों में सरकारी राजस्व की चोरी या यूं कहें तो शराब की ओवर रेटिंग थमने का नाम ही नहीं ले रहा है| शराब दुकानों में हो रहे अवैध वसूली पर लगाम कसने के लिए भले ही आबकारी विभाग एक्शन मोड पर है। लेकिन अधिकारीयों की कार्रवाई भी सिर्फ सरकारी कागजों तक ही सिमट कर रह जाती है| शिकायतें कई बार होती हैं लेकिन शिकायतों का समाधान [नहीं हो पाता है| विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों पूर्व ही विभाग को एक गुमनाम पत्र के माध्यम से सूचित किया गया था की राजधानी के किन-किन दुकानों में ओवर रेटिंग कर सरकारी राजस्व की चोरी की जा रही है| जिसपर विभाग ने पत्र पर लिखे समस्त दुकानों के सुपरवाइजरों को बिलाकर सिर्फ पूछताछ की न की दुकानों पर लगे सीसी टीवी का फुटेज चेक किया गया |
जिस तरह चोरी करने वाला कभी यह नही कहता की वह चोर है ठीक वैसे ही क्या सरकारी राजस्व की चोरी करने वाला कभी यह कहेगा की वह सरकारी राजस्व की चोरी करता है| यह एक बड़ा सवाल है| या फिर सवाल यह भी है की कहीं विभागीय अधिकारीयों की इसमें कोई मिलीभगत है जिसकी वजह से अधिकारी इस तरह से ढीला ढाला कार्य कर रहे हैं|
बहरहाल आज भी रायपुर शहर के कई एइसे शराब दुकान हैं जिनमे चोरी छिपे ओवर रेटिंग को अंजाम दिया जाता है कभी सुबह दुकान खुलते ही तो कभी शाम रात दुकान बंद होने से पहले| वहीं अगर कोचियाओं की बात की जाए तो शहर में कई ऐसे दुकान भी हैं जहां से प्रतिदिन बोरी भर भर कर शराब कोचियाओं को परोसा जाता है| विभागीय अधिकारीयों को इसकी जानकारी भी भरपूर रहती है| लेकिन अधिकारी मूकदर्शक बन सिर्फ तमाशा देखते रहते हैं| विभाग के एस अधिकारी से जब हमने इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि उन्हें पता सब रहता है लेकिन सरब का राजस्व बढ़ने का उन्हें बड़े अधिकारीयों दबाव रहता है जिस वजह से वह भी कोचियाओं के मामले में गांधी जी के बंदर बन आँखों में काले रंग की पट्टी लगा कर बैठे रहते हैं|
बहरहाल हम बहुत जल्द उन तमाम दुकानों के लिस्ट विडियो फुटेज के साथ जरी करेंगे| जिसके बाद यह देखेंगे कि अधिकारी जी इनपर क्या और किस रूप में कार्रवाई करते हैं|