उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: वोटिंग जारी, एनडीए के राधाकृष्णन की जीत लगभग तय!

देश के 17वें उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदान किया। यह मुकाबला एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन तथा इंडिया ब्लॉक प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा, जबकि वोटों की गिनती शाम 6 बजे से शुरू होगी। मंगलवार शाम तक देश को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा। यह चुनाव 16वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से दिए गए इस्तीफे के बाद हो रहा है।
बीजेपी की ‘ब्रेकफास्ट स्ट्रैटजी’
वोटिंग से पहले बीजेपी ने अलग-अलग समूहों में सांसदों के साथ रणनीति बैठक की।
- यूपी के सांसद पीयूष गोयल के ऑफिस वाणिज्य भवन में जुटे।
- महाराष्ट्र के सांसद भूपेंद्र यादव के आवास पर इकट्ठा हुए।
- बिहार और झारखंड के सांसद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के घर मिले, जहां से वे सामूहिक रूप से मतदान के लिए रवाना हुए।
नंबर गेम में एनडीए आगे...
लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर कुल 781 सांसद हैं, जिसमें जीत के लिए 391 वोट जरूरी हैं।
- एनडीए के पास 425 सांसदों का समर्थन है, साथ ही कुछ अन्य दलों के वोटों की भी उम्मीद है।
- विपक्ष के पास 324 वोट हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अंतिम समय तक निर्दलीय सांसदों से संपर्क साधा।
राजनीतिक गणित साफ है कि एनडीए उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन का जीतना लगभग तय है। हालांकि, एनडीए को सबसे बड़ा डर क्रॉस वोटिंग का है, जो अतीत में कई बार समीकरण बिगाड़ चुकी है।
विपक्ष की उम्मीदें...
इंडिया ब्लॉक जानता है कि उसके पास बहुमत नहीं है, लेकिन उसकी नजर क्रॉस वोटिंग पर है। विपक्ष का दावा है कि इस बार जीत का अंतर पिछली बार जितना बड़ा नहीं होगा।
- 2022 में जगदीप धनखड़ ने मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से हराया था।
- इस बार जीत का अंतर 100-125 वोट के बीच रह सकता है।
कौन किसके साथ?
- वाईएसआरसीपी ने साफ किया है कि वह एनडीए को वोट देगी (राज्यसभा 7, लोकसभा 4 सांसद)।
- आप सांसद स्वाति मालीवाल भी एनडीए के पक्ष में वोट कर सकती हैं।
- बीजेडी एनडीए को समर्थन दे सकती है, जबकि बीआरएस के गैरहाजिर रहने की संभावना है।
- सात निर्दलीय सांसदों में तीन का रुख अब भी स्पष्ट नहीं है।
क्यों हो सकती है क्रॉस वोटिंग?
उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान गुप्त बैलेट से होता है। किस सांसद ने किसे वोट दिया, यह पता नहीं चलता। यही वजह है कि क्रॉस वोटिंग का खतरा हमेशा बना रहता है। 1998 में पहली बार क्रॉस वोटिंग का बड़ा मामला सामने आया था।
कुल मिलाकर, आंकड़े एनडीए के पक्ष में हैं और अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो आज शाम तक सी. पी. राधाकृष्णन देश के नए उपराष्ट्रपति बन जाएंगे।