बलौदाबाजार में वन अपराध और वन्यजीव संरक्षण पर दो दिवसीय कार्यशाला शुरू, अधिकारियों को दी जा रही कानूनी जानकारी

बलौदाबाजार। वन्यजीव संरक्षण और वन अपराधों की रोकथाम को लेकर वनमंडल कार्यालय बलौदाबाजार में दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ आज हुआ। यह कार्यशाला वनमंडलाधिकारी धम्मशील गणवीर के निर्देशानुसार और बारनवापारा अभ्यारण्य के अधीक्षक कृषानू चन्द्राकार के नेतृत्व में आयोजित की जा रही है।
कार्यक्रम का उद्घाटन स्वयं वनमंडलाधिकारी धम्मशील गणवीर ने किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि
“वन अपराधों की जांच और अभियोजन प्रक्रिया को कानूनी रूप से मजबूत बनाना वन सुरक्षा की दिशा में बेहद आवश्यक कदम है। वनकर्मियों को संबंधित सभी प्रावधानों की गहन जानकारी होनी चाहिए।”
पहले दिन चार सत्रों में दी गई विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत जानकारी...
प्रशिक्षण के पहले दिन कुल चार सत्र आयोजित किए गए, जिनमें विषय विशेषज्ञों ने वन और वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं।
- पहले सत्र में अधीक्षक कृषानू चन्द्राकार ने ‘वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972’ के इतिहास, उद्देश्य और प्रमुख धाराओं पर विस्तृत जानकारी दी।
- दूसरे सत्र में आर. पी. साहू, सेवानिवृत्त उपवनमंडलाधिकारी, ने अधिनियम की प्रमुख धाराओं को व्यावहारिक उदाहरणों के साथ समझाया।
- तीसरे सत्र में किशोर वासनिक (एसडीओ पुलिस, कसडोल) ने वन्यजीव अपराधों की जांच के दौरान होने वाली सामान्य गलतियों पर प्रकाश डाला और साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया को विस्तार से बताया।
- चौथे सत्र में यशवंत साहू (अधिवक्ता, हाईकोर्ट बिलासपुर) ने ‘भारतीय न्याय संहिता’ एवं ‘भारतीय न्याय प्रक्रिया संहिता’ की महत्वपूर्ण धाराओं से प्रतिभागियों को अवगत कराया।

वन कर्मियों की सक्रिय भागीदारी, दूसरा दिवस होगा व्यावहारिक प्रशिक्षण पर केंद्रित...
कार्यशाला में बलौदाबाजार वनमंडल के सभी परिक्षेत्रों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। प्रतिभागियों ने प्रश्नोत्तर सत्र में सक्रिय रूप से भाग लेकर अपनी शंकाएँ दूर कीं। कार्यशाला का दूसरा दिवस 16 अक्टूबर 2025 को आयोजित होगा, जिसमें वन अपराध प्रकरण निर्माण, दस्तावेजी प्रक्रिया और अभियोजन प्रस्तुतीकरण पर व्यावहारिक सत्र आयोजित किए जाएंगे।