पीएम मोदी ने किया Tribal Freedom Fighters Museum का उद्घाटन

रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नवा रायपुर अटल नगर में Tribal Freedom Fighters Museum यानी जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का शुभारंभ किया। उन्होंने इस दौरान शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक का भी उद्घाटन किया और संग्रहालय का गहन अवलोकन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह स्मारक और संग्रहालय राज्य के जनजातीय समाज की गौरवगाथा को संजोए रखेगा — उनके साहस, बलिदान और देशभक्ति की कहानियों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का माध्यम बनेगा।
शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक को मिली नई पहचान
PM Modi in Raipur कार्यक्रम के अंतर्गत प्रधानमंत्री ने वीर नारायण सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने कहा, “जिस धरती ने वीरता की मिसाल कायम की, उस धरती पर आज आज़ादी के असली नायकों की याद को तकनीक और भावना के संगम से जीवित किया जा रहा है।”
इस परियोजना में छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकारों के साथ ओडिशा और कोलकाता के मूर्तिकारों ने भी अहम भूमिका निभाई है, जिससे यह स्मारक राष्ट्रीय स्तर पर एक सांस्कृतिक प्रतीक बन गया है।
Tribal Freedom Fighters Museum में आधुनिक तकनीक की झलक
यह देश का पहला ऐसा डिजिटल संग्रहालय (Digital Museum in Chhattisgarh) है, जहाँ पारंपरिक कला और अत्याधुनिक तकनीक का सुंदर मेल दिखता है। संग्रहालय में कुल 16 गैलरियाँ बनाई गई हैं, जिनमें 14 पहले ही तैयार हो चुकी हैं। इन गैलरियों में 650 से अधिक मूर्तियाँ हैं, जो झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह जैसे ऐतिहासिक आंदोलनों की कहानी को जीवंत रूप में दिखाती हैं।
AI-based Experience और वर्चुअल रियलिटी का कमाल
संग्रहालय में AI-based technology (Artificial Intelligence) का प्रयोग किया गया है। जैसे ही कोई आगंतुक कैमरे के सामने खड़ा होता है, स्क्रीन पर उसकी छवि पारंपरिक आदिवासी परिधान में परिवर्तित हो जाती है। इस अनुभव को “आदिवासी अनुभूति” नाम दिया गया है।
इसके अलावा VR (Virtual Reality) और VFX तकनीक का उपयोग कर ऐसा एहसास दिलाया गया है मानो व्यक्ति उसी ऐतिहासिक समय का हिस्सा हो। इससे आगंतुकों को जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और साहस की असल झलक मिलती है।
संस्कृति और परंपरा की विरासत का संगम
संग्रहालय में पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र, आभूषण, वस्त्र और जनजातीय जीवनशैली से जुड़े अनमोल अवशेषों को संरक्षित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “यह केवल एक संग्रहालय नहीं, बल्कि आत्मा से जुड़ा प्रयास है — जो हमें याद दिलाता है कि आज़ादी केवल एक घटना नहीं, एक संस्कृति है।”
ई-बुक ‘आदि शौर्य’ और पौधारोपण से दिया संदेश
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर ‘Aadi Shaurya’ नामक ई-बुक का भी लोकार्पण किया। संग्रहालय के उद्घाटन के बाद उन्होंने परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। यह पल राज्य के लिए प्रतीकात्मक रूप से “विकास और विरासत” दोनों का संगम बन गया।
छत्तीसगढ़ में विकास की नई लहर
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए बताया कि जल्द ही राज्य में 14,260 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएँ शुरू होंगी, जो सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को नई दिशा देंगी।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान अब सिर्फ खनिज संपदा तक सीमित नहीं, बल्कि यह प्रदेश संस्कृति, ऊर्जा और आत्मनिर्भरता का भी उदाहरण बनेगा।



