कलेक्टर गाइडलाइन दरों में भारी बढ़ोतरी पर बृजमोहन अग्रवाल ने जताई आपत्ति, मुख्यमंत्री को भेजा पत्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भूमि खरीदी-बिक्री के लिए कलेक्टर गाइडलाइन दरों में 100 प्रतिशत से 800 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी के खिलाफ राजनीतिक स्तर पर विरोध तेज हो गया है। रायपुर लोकसभा सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने इस वृद्धि को जनविरोधी और अव्यावहारिक बताते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर निर्णय को तत्काल स्थगित करने की मांग की है।
सांसद अग्रवाल ने पत्र में कहा कि गाइडलाइन दरों में वृद्धि बिना जन-परामर्श और सामाजिक-आर्थिक प्रभावों की समीक्षा के की गई है, जिससे किसानों, छोटे व्यापारियों, मध्यम वर्ग और रियल एस्टेट सेक्टर में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि यह कदम न ‘‘Ease of Living’’ के अनुरूप है और न ‘‘Ease of Doing Business’’ के।
सांसद ने लाभांडी और निमोरा जैसे क्षेत्रों का उदाहरण देते हुए बताया कि यहां गाइडलाइन दरों में क्रमशः 725 और 888 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है, जबकि इन इलाकों में न तो नगरीय सुविधाओं का विस्तार हुआ है और न ही वास्तविक बाजार मूल्य इतने अधिक हैं। नवा रायपुर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को अचानक नगरीय क्षेत्र घोषित किए जाने पर भी उन्होंने सवाल उठाए।
सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण में अधिक मुआवजा दिए जाने का तर्क भी सांसद ने खारिज किया। उन्होंने कहा कि केवल 1 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण के नाम पर 99 प्रतिशत जनता पर आर्थिक बोझ डालना उचित नहीं है। साथ ही उन्होंने पंजीयन शुल्क 4 प्रतिशत से घटाकर 0.8 प्रतिशत करने की मांग की।
सांसद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से नई गाइडलाइन को तत्काल स्थगित करने, पूर्व दरों को लागू करने और वास्तविक मूल्यांकन के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की तीन मुख्य मांगें रखीं। इसके अलावा नवा रायपुर में जोड़े गए ग्रामीण क्षेत्रों को पुनः ग्रामीण क्षेत्र घोषित करने की भी मांग की है।
उन्होंने कहा कि जनता की भावना की अनदेखी कर लिया गया यह निर्णय आर्थिक रूप से नुकसानदायक है और सरकार को जनहित में इसे वापस लेना चाहिए।



