इंदौर के लिए इस बार आसान नहीं होगा वाटर प्लस प्रमाण पत्र हासिल करना

इंदौर। स्वच्छता की पड़ताल करने के लिए दिल्ली से आया स्वच्छ सर्वेक्षण दल करीब दस दिन इंदौर में रहने के बाद रवाना हो चुका है। अब वाटर प्लस सर्वे होना है। इसके लिए सर्वेक्षण टीम एक सप्ताह में इंदौर पहुंच जाएगी। इस वर्ष इंदौर के लिए वाटर प्लस प्रमाण पत्र महत्वपूर्ण रहेगा। इसकी वजह है कि 9000 अंकों के स्वच्छ सर्वेक्षण में वाटर प्लस प्रमाण पत्र के 1200 अंक रखे गए हैं। यानी जिस शहर के पास यह प्रमाण पत्र होगा, उसे स्वच्छ सर्वेक्षण में स्वत: ही 1200 अंक प्राप्त हो जाएंगे।
पिछले वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण में सूरत और नवी मुंबई ने इंदौर के सामने जोरदार चुनौतियां प्रस्तुत की थीं। इंदौर और सूरत के बीच 221 अंकों का अंतर था, जबकि इंदौर और नवी मुंबई के बीच 293 अंकों का अंतर था। महत्वपूर्ण यह भी है कि वाटर प्लास प्रमाण पत्र पाने वाला इंदौर देश का पहला शहर है। इसकी वैधता दो वर्ष के लिए थी जो वर्तमान में समाप्त हो चुकी है। ऐसे में इंदौर को स्वच्छता का सातवां आसमान छूने के लिए इस वर्ष वाटर प्लस प्रमाण पत्र प्राप्त करना जरूरी होगा।
यह देखेगी टीम
वाटर प्लस प्रमाण पत्र के लिए होने वाले सर्वे की टीम इंदौर में सार्वजनिक शौचालय, सुविधाघर आदि की जांच करेगी। देखेगी कि वहां सफाई कैसी है। पानी का पर्याप्त इंतजाम है या नहीं। निगम द्वारा वहां साबुन आदि उपलब्ध करवाया जा रहा है या नहीं। टीम यह भी देखेगी कि नालों के आसपास गंदगी तो नहीं है। कान्ह और सरस्वती नदियों में मिलने वाले आउटफाल बंद किए गए हैं या नहीं। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की गुणवत्ता कैसी है। कहीं ऐसा तो नहीं कि नदी और नाले आपस में मिल रहे हैं। कान्ह और सरस्वती नदियों से नियमित गाद निकाली जा रही है या नहीं।
वर्षा की वजह से आ सकती है परेशानी
इस वर्ष होने वाला वाटर प्लस सर्वे नगर निगम के लिए इस वजह से भी मुश्किल भरा होगा क्योंकि यह वर्षाकाल में हो रहा है। सर्वेक्षण टीम को अगले सप्ताह तक इंदौर पहुंचना है। इधर मौसम विभाग के मुताबिक सितंबर के पहले सप्ताह में वर्षा का दौर फिर शुरू हो सकता है। ऐसे में वर्षा की वजह से निगम के सामने परेशानियां आ सकती हैं। सर्वे टीम स्टार्म वाटर लाइन की स्थिति भी देखेगी।
हम पूरी तरह तैयार हैं
वाटर प्लस सर्वे के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। हमें पूरा विश्वास है कि इस वर्ष हमें प्रमाण पत्र मिल जाएगा। स्वच्छ सर्वेक्षण में इस सर्टिफिकेट के 1200 अंक पूरे हमें मिलेंगे। हम लगातार निगरानी भी कर रहे हैं। कार्ययोजना बनाकर काम कर रहे हैं। -सिद्धार्थ जैन, अपर आयुक्त नगर निगम