सावरकर पर बयान मामले में यूपी सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, राहुल गांधी के इरादों पर उठाए सवाल

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सावरकर पर दिए बयान को लेकर चल रहे विवाद में अब उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए हलफनामा दाखिल किया है। यूपी सरकार ने कहा है कि राहुल गांधी का यह बयान पूर्व नियोजित था और समाज में जानबूझकर नफरत फैलाने के इरादे से दिया गया था।
सरकार ने शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडे के तर्क का समर्थन करते हुए कहा कि यह बयान आईपीसी की धाराओं 153(A) और 505 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को वैध और न्यायोचित बताया, साथ ही सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप न करने की अपील की है।
गौरतलब है कि यह मामला 2022 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर को “अंग्रेजों का नौकर” कहने और उन पर “पेंशन लेने” का आरोप लगाने से जुड़ा है। इस बयान के खिलाफ लखनऊ में अधिवक्ता नृपेंद्र पांडे ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर निचली अदालत ने राहुल गांधी को समन जारी किया था।
राहुल गांधी ने अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस समन और कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है। उनका कहना है कि उनके बयान को गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया गया।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में समन पर अंतरिम रोक लगाई थी, लेकिन राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा था कि भविष्य में ऐसे बयान देने पर स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी।