छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: हाईकोर्ट ने नेक्सजेन कंपनी के दो डायरेक्टर्स को जमानत दी, 2165 करोड़ के नुकसान की जांच जारी

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने नेक्सजेन पॉवर कंपनी के डायरेक्टर्स अभिषेक सिंह और मनीष मिश्रा को जमानत प्रदान कर दी। जस्टिस अरविंद वर्मा की एकलपीठ ने जमानत देते हुए कहा कि आरोपियों को कानूनी प्रक्रिया के तहत न्याय मिलेगा। अभिषेक सिंह पूर्व आबकारी विभाग ओएसडी अरविंद सिंह के भतीजे हैं जबकि मनीष मिश्रा चार्टर्ड अकाउंटेंट संजय मिश्रा के भाई हैं। संजय मिश्रा को पहले ही जमानत मिल चुकी है। बचाव पक्ष की ओर से सीनियर अधिवक्ता शशांक मिश्रा और गगन तिवारी ने पैरवी की।
घोटाले का विवरण
कांग्रेस सरकार के 2019 से 2023 तक के शासनकाल में शराब नीति में प्रमुख बदलाव किए गए। चुनिंदा सप्लायर्स को लाभ पहुंचाने के लिए लाइसेंस शर्तें इस प्रकार निर्धारित की गईं कि केवल विशिष्ट कंपनियों को अवसर मिले। नेक्सजेन जैसी कंपनियों ने नोएडा की एक फर्म से नकली होलोग्राम और सील बनवाईं। इनके माध्यम से महंगी ब्रांडेड अंग्रेजी शराब सरकारी दुकानों में बेची गई। नकली होलोग्राम के कारण बिक्री डेटा शासन तक नहीं पहुंचा तथा एक्साइज टैक्स चोरी हुई। इससे राज्य को अनुमानित 2165 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सूत्रों के अनुसार यह राशि कांग्रेस भवन निर्माण सहित विभिन्न नेताओं, अधिकारियों और मंत्रियों तक वितरित की गई।
अब तक की कार्रवाई
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 20 जुलाई 2025 को संजय, मनीष मिश्रा तथा अभिषेक सिंह को गिरफ्तार किया। जांच में पुष्टि हुई कि नेक्सजेन ने नकली होलोग्राम से महंगी शराब सप्लाई कर टैक्स चोरी की। अन्य गिरफ्तारियां में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा तथा एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर शामिल हैं। आबकारी विभाग के 28 अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत प्राप्त हो चुकी है।
न्यायिक स्थिति
हाईकोर्ट के फैसले से तीनों डायरेक्टर्स को अस्थायी राहत मिली है लेकिन मामला लंबित है। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि जेल हिरासत न्यायोचित नहीं है। कोर्ट ने स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ईओडब्ल्यू दस्तावेजों, बैंक लेन-देन तथा अन्य संबंधितों की जांच जारी रखे हुए है। यह घोटाला राज्य की शराब नीति और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न उठाता है।



