छत्तीसगढ़ में दावेदारों की बढ़ी धड़कन, सितंबर के पहले सप्ताह में कांग्रेस-भाजपा की आनी थी सूची

रायपुर। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा की टिकट की टिकटिक अटक गई है। दोनों दलों के नेताओं ने दावा किया था कि सितंबर के पहले सप्ताह तक कांग्रेस की पहली और भाजपा की दूसरी सूची आ जाएगी। लेकिन कांग्रेस में अब तक मंथन का दौर चल रहा है। हर संभाग की सीट के लिए एक बार फिर चुनाव समिति में चर्चा का दौर शुरू होगा। वहीं, भाजपा की सूची में केंद्रीय संगठन का पेंच फंस गया है। प्रदेश संगठन की तरफ से भेजी गई सूची को लेकर केंद्रीय संगठन ने एक बार फिर खोजबीन शुरू की है। बताया जा रहा है कि जी-20, संसद सत्र और अन्य राजनीतिक गतिविधियों ने टिकट की घोषणा को अटका दिया है।
उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची को लेकर कहा कि टिकट घोषणा में जल्दबाजी नहीं है, जिन्होंने जल्दी सूची निकाली, वहां बगावत के सुर हैं। कांग्रेस कोई जल्दीबाजी नहीं कर रही है। अभी प्रदेश चुनाव समिति के 90 विधानसभा सीट की स्पष्ट राय जब स्क्रीनिंग कमेटी के सामने आएगी, तब स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी। अभी तो प्रदेश चुनाव समिति की ही बैठक चल रही है। वहां से स्क्रीनिंग कमेटी में जाएगा, फिर स्क्रीनिंग कमेटी केंद्रीय चुनाव समिति को सूची भेजेगी। उसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति सूची जारी करेगी। जल्दी क्या है, जिन्होंने जल्दी सूची निकाली, वहां बगावत के सुर दिख रहे हैं। इसके बाद उनकी भी सूची नहीं आई।
भाजपा की केंद्रीय टीम ले रही टोह
भाजपा ने पहली सूची में 21 प्रत्याशी की घोषणा की है। इसके बाद की सूची काे लेकर भाजपा की केंद्रीय टीम टोह ले रही है। पिछले सप्ताह एक-एक सीट को लेकर स्थानीय स्तर पर पूछताछ की गई। केंद्रीय टीम का फोकस राजधानी सहित बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, दुर्ग की सीट को लेकर है। बताया जा रहा है कि बस्तर की बची सीट की स्क्रीनिंग पूरी हो गई है। अगली सूची में बस्तर के उम्मीदवारों की घोषणा हो जाएगी।
विधायकों की टिकट कटने के बाद की परिस्थिति पर कांग्रेस की नजर
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो कमजोर परफार्मेंस वाले विधायकों की टिकट काटने पर सहमति बन गई है। प्रदेश संगठन उन विधायकों के पाला बदलने की संभावना पर नजर लगाए हुए हैं। बताया जा रहा है कि कुछ कांग्रेसी विधायक टिकट कटने के डर से भाजपा के केंद्रीय नेताओं के संपर्क में हैं। ऐसे विधायक जहां भाजपा को पिछले चुनाव में जीत मिली है, लेकिन उस सीट पर लगातार जीत रहे थे, उन विधायकों पर डोरा डाला जा रहा है।
राजधानी की सीट पर सबकी नजर
राजधानी की चार विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा की नजर है। कांग्रेस के दावेदारों की अब तक हुई बैठक में तय किया गया है कि टिकट मिलने के बाद कोई विरोध नहीं करेगा। टिकट के दावेदार रायपुर नगर निगम के पार्षदों को भविष्य की संभावनाओं काे देखते हुए पार्टी के पक्ष में काम करने का निर्देश दिया गया है। वहीं, भाजपा भी कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा का इंतजार कर रही है।
बताया जा रहा है कि वर्तमान विधायकों को टिकट दिया जाएगा, तो उनके मुकाबले भाजपा के दावेदारों का पैनल तैयार किया गया है। जबकि कांग्रेस टिकट काटती है, तो उनके लिए नया पैनल तैयार किया गया है। कांग्रेस किसी सीट से पार्षद को मैदान में उतारती है, तो भाजपा पार्षदों की लाटरी निकल सकती है।