अधिकारियों की मिलीभगत और राजधानी के इस शराब दुकान में शुरू हुई सरकारी राजस्व की चोरी…
220 का बियर 230 में, पूछे जाने पर जवाब मिला अधिकारीयों के कहने पर करते हैं ओवर रेटिंग...
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी तो अब एक सपना मात्र बन कर रह गया है| लेकिन शराब की ओवर रेटिंग और सरकारी राजस्व की चोरी ने राजधानी के कई शराब दुकानों में अपने पैर पसार लिए हैं खबर है कि राजधानी रायपुर के कई शराब दुकानों में जमकर ओवर रेटिंग की जा रही है जिसे मदिरा प्रेमियों में काफी रोष व्याप्त है।
वहीं जब नेशन अपडेट की टीम ने ओवर रेटिंग पर मिल रहे खबरों की पड़ताल की तो बीते दिनों पाया कि राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित कचना शराब दुकान में ओवर रेटिंग अपने सरे रिकॉर्ड तोड़ रहा है। वहीं जब इस बारे में दुकान के सुपरवाइजर व दुकान के अन्य स्टाफ से बात की तो उन्होंने बताया की आबकारी अधिकारीयों के आदेश पर शराब को अधिक दर पर बेचा जाता है| शराब खरीदने आए ग्राहकों से भी जब नेशन अपडेट की टीम ने बातचीत की तो उन्होंने भी बताया कि किस तरीके से कचना के इस शराब दुकान में आए दिन ओवर रेटिंग किया जाता है। तो वहीं जानकारी के मुताबिक ओवर रेटिंग का यह सारा कृत्य सुपरवाइजर व अधिकारीयों की मिलीभगत से किया जाता है। वहीं जानकारी के मुताबिक सरकारी पन्नों में दुकान का सुपरवाइजर तो कोई और है लेकिन इस ओवर रेटिंग को बहरी रूप के कोई और ही अधिकारी जी के साथ मिल कर संचालित करता है|
बता दें कि विगत दो दिनों पहले ही शराब दुकानों में हो रहे अवैद वसूली को रोकने के लिए रायपुर कलेक्टर द्वारा टीम गठित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे जिसपर आबकारी विभाग ने कार्रवाई कर 57 कर्मचारियों को बहार का रास्ता दिखाते हुए ब्लैक लिस्ट कर दिया| आबकारी विभाग द्वारा जारी किये गएलिस्ट की जब हमने पड़ताल की तो पाया कि विभाग ने विगत छह माह में हुए कार्रवाई का पूरा लेखा जोखा मीडिया के समक्ष रख कलेक्टर महोदय को खुश करने की कोशिश की विभागीय सूत्रों के अनुसार यह पूरा कार्य आबकारी उपायुक्त विकाश गोश्वामी के सानिध्य में किया गया है|
अब देखने वाली बात तो यह होगी कि हमारे इस खबर के बाद आबकारी विभाग क्या अपनी कुम्भकर्णीय नींद से जाग कर ओवर रेटिंग करने वाले ऐसे दुकान संचालकों पर कार्यवाई करता है या बड़े अधिकारीयों को खुश करने के लिए पुराने लिस्ट को जरी करता है…?