15 वर्षों से ‘मुक्ति’ की बाट जोह रहीं मटकी में बंद अस्थियां, निगम ने स्वजनों को भेजा चेतावनी पत्र

भिलाई। रामनगर मुक्तिधाम में 15 वर्षों से विसर्जन के लिए रखीं कई लोगों के दिवंगत स्वजनों की अस्थियां उनका इंतजार कर रही हैं, लेकिन वो लोग अस्थियां रखवा कर या तो भूल गए हैं या फिर खुद विसर्जन करना नहीं चाह रहे है। इसके चलते अस्थियों को सुरक्षित रखरखाव की जिम्मेदारी में लगे लोगों के लिए अब इन अस्थियों का अंबार सिर दर्द साबित होने लगा है।
नतीजतन निगम प्रशासन ने ऐसे लोगों को चेतावनी पत्र जारी किया है कि वो अपने दिवंगत परिजन की अस्थियां ले जाएं। अस्थियां नहीं ले जाने पर स्वयंसेवी संस्था को विसर्जन के लिए दे दी जाएंगी। निगम के पास अब इन अस्थियों को रखने के लिए जगह कम पड़ने लगी।
आपको बता दें कि अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम लाए गए शवों की अस्थियां ज्यादातर परिजन लेकर चले जाते हैं लेकिन कुछ परिजन अभी तक अस्थि कलश को नहीं ले गए है। जिन्हें रामनगर के मुक्तिधाम में सुरक्षित रखा गया है। निगम की पहल पर अस्थियों के विधि विधान से विसर्जन करने शहर की सेवा समिति ने कदम बढ़ाया है।
मुक्तिधाम की केयरटेकर टीम ने बताया कि रामनगर मुक्तिधाम में दाह संस्कार पश्चात मृतकों के अस्थि कलश को विधिवत विसर्जन के लिए स्वजन ले जाते हैं। कई स्वजन कुछ दिनों बाद आते हैं। इसलिए अस्थि को मुक्तिधाम के लाकर में सुरक्षित रखा जाता है। बीते कुछ वर्षों में बहुत से मृतक के स्वजन अस्थि को नहीं ले गए हैं। कई अस्थि कलश वर्ष 2008 से पहले के भी हैं।
भिलाई नगर निगम के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा ने कहा, लोगों से अपील की गई है कि वह अपने दिवंगतों की अस्थियां लेकर जाए और उनका विसर्जन करें। निगम के पास इन अस्थियों को रखने के लिए जगह कम पड़ने लगी है।