बस्तर को मिला सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का तोहफ़ा, सीएम साय बोले – जवानों और आमजन के लिए जीवनदायी कदम

CG NEWS: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊँचाई देने की दिशा में आज बड़ा कदम उठाया गया। मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की मौजूदगी में चिकित्सा शिक्षा विभाग और हैदराबाद के कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के अंतर्गत किया गया है।
कार्यक्रम में वन एवं परिवहन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल प्रबंधन टीम मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री साय का बड़ा बयान...
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार का लक्ष्य प्रदेश के हर नागरिक तक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाना है। उन्होंने कहा –
लंबे समय से बस्तर क्षेत्र उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं से वंचित रहा है। यह अस्पताल न केवल आदिवासी अंचल बल्कि नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के लिए भी जीवनदायी सिद्ध होगा। अब घायल जवानों और गंभीर मरीजों को रायपुर ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
200 करोड़ की लागत से बना अस्पताल...
स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने बताया कि इस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पर कुल 200 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें से 120 करोड़ केंद्र और 80 करोड़ राज्य सरकार ने दिए हैं। एनएमडीसी ने भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
यह अस्पताल 11 एकड़ भूमि में फैला है और 10 मंजिला भवन में 240 बिस्तरों की क्षमता है। इसमें कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी समेत कई विभाग होंगे। आईसीयू, ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएँ अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी।
आम जनता को सरकारी दर पर इलाज...
इस अस्पताल की सबसे खास बात यह है कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम सरकारी दर पर इलाज उपलब्ध कराएगी। इससे बस्तर ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देशभर के मरीजों को लाभ मिलेगा।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का बयान...
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा…
अब तक सुपर स्पेशियलिटी सेवाएँ केवल रायपुर और बिलासपुर जैसे बड़े शहरों तक सीमित थीं। लेकिन अब बस्तर अंचल के लोग भी इन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह क्षेत्र और राज्य दोनों के लिए गर्व की बात है।
यह कदम प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में मील का पत्थर माना जा रहा है। इससे न केवल बस्तर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लाखों लोगों को राहत मिलेगी और बड़े शहरों पर निर्भरता घटेगी।