Axiom-4 मिशन की सफल लॉन्चिंग,अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए शुभांशु शुक्ला,बने दूसरे भारतीय

दिल्ली। AXIOM-4 Mission की सफल लॉन्चिंग हुई। फाल्कन रॉकेट ने सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की ओर उड़ान भर ली है। भारत की ओर से शुभांशु शुक्ला मिशन क्रू के हिस्सा हैं। इस मिशन में कई देशों की साझेदारी है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे पहले साल 1984 में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से कहा था, ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा’
IAF ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की बहन निधि मिश्रा ने कहा, “यह न केवल मेरे लिए बल्कि भारत में सभी के लिए गर्व का क्षण है। मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती; मैं बस इतना कहना चाहूंगी कि ‘शुभांशु, आपका मिशन सफल हो और आप सुरक्षित हमारे पास वापस आएं।”
मुझे अच्छा लग रहा है और मैं उम्मीद कर रही हूं कि वह अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा करके जल्द ही हमारे पास लौट आए ताकि मैं उसे एक बार फिर गले लगा सकूं। मेरा भाई कहता है – मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। इस दुनिया में आपको कुछ भी आसानी से नहीं मिलता। आज हम जो कुछ भी देख रहे हैं, उसके पीछे बहुत मेहनत है। मैं अभी अपने भाई के लिए थोड़ी भावुक हूं।
कौन हैं इस मिशन के यात्री?
इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री हिस्सा ले रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट होंगे। मिशन की कमान पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक पैगी व्हिटसन संभालेंगी। इसके अलावा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उजनांस्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड) और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपु मिशन विशेषज्ञ के तौर पर शामिल होंगे। ये चारों अंतरिक्ष यात्री मिलकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
एक्सिओम मिशन 4 क्या है?
Axiom-4 मिशन एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए है। इस मिशन का मकसद 31 देशों की ओर से लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियों को डायरेक्ट करना है। ये देश हैं भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात, और यूरोप। एक्सिओम के अनुसार, यह मिशन इन देशों का इतिहास में दूसरा मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन होगा, लेकिन यह पहली बार होगा जब ये तीनों देश ISS पर एक साथ मिशन को पूरा करेंगे।