विशेष लेख : दो साल का सुशासन – जशपुर में विकास की नई पहचान

रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बीते दो वर्ष जशपुर जिले के लिए विकास के स्वर्णिम अध्याय साबित हुए हैं। 13 दिसंबर को उनके कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण हो रहे हैं, और इस अवधि में जशपुर जिले ने वह प्रगति हासिल की है, जिसने न सिर्फ जिले की दिशा बदली, बल्कि विकास की नई परिभाषा भी गढ़ी। राज्य की जनता से किए वायदों को पूरा करना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन साय ने दृढ़ इच्छाशक्ति, पारदर्शी प्रशासन और संवेदनशील नेतृत्व के बल पर इन चुनौतियों को विकास के अवसर में बदल दिया।

गरीबों को मिली जीवनभर की सुरक्षा पक्का मकान बना खुशियों की बुनियाद
मुख्यमंत्री बनने के साथ ही साय की पहली बड़ी प्राथमिकता थी—हर गरीब को पक्का घर। कैबिनेट की पहली बैठक में 18 लाख गरीब परिवारों को घर देने के वादे को स्वीकृति मिली। जशपुर जिले में 52,760 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए, जिससे हजारों परिवारों का वर्षों पुराना सपना पूरा हुआ। आज ये परिवार सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं।
महिलाओं को मिली आर्थिक मजबूती – आत्मनिर्भरता की नई राह
महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपए प्रदान करने की घोषणा को श्री साय ने पूरे दृढ़ संकल्प के साथ लागू किया।
जशपुर जिले में 2 लाख से अधिक महिलाओं को 448 करोड़ 97 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। यह राशि महिलाओं के जीवन में वास्तविक सशक्तिकरण का आधार बनी है–चाहे वह बचत हो, छोटे व्यवसाय हों या परिवार की ज़रूरतें।
किसानों के जीवन में खुशियों की बहार – बोनस, खरीदी और सम्मान निधि से बढ़ा विश्वास
पिछली सरकार के बकाया दो साल के धान बोनस का भुगतान कर मुख्यमंत्री ने किसानों का भरोसा और मजबूत किया। जिले के 50 हजार से अधिक किसानों से 3,100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की गई।
इसके साथ ही 1,23,168 किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि में 308 करोड़ 30 लाख 76 हजार रुपए दिए गए। इन कदमों ने कृषि को स्थिरता, किसानों को सुरक्षा और खेती को निरंतरता प्रदान की।
स्वास्थ्य सेवाओं में ऐतिहासिक परिवर्तन — आधुनिक चिकित्सालय की स्वीकृति
जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए नए अत्याधुनिक चिकित्सालय भवन को मंजूरी मिली है। इससे मरीजों को बड़े शहरों में जाने की आवश्यकता कम होगी। प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को नए उपकरण, डॉक्टर, नर्स और संसाधन उपलब्ध कराए गए। साथ ही जिले में अतिरिक्त 108 संजीवनी एक्सप्रेस व शव वाहन की व्यवस्था से आपातकालीन सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार आया है।
सड़कें बनी प्रगति का मार्ग –कनेक्टिविटी में आया व्यापक सुधार
जिले में सड़क निर्माण और मरम्मत कार्यों के लिए करोड़ों रुपए मंजूर हुए। पहले दुर्गम माने जाने वाले क्षेत्रों में भी पक्की सड़कें पहुंचीं, जिससे व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के अवसरों तक पहुंच आसान हुई। स्थानीय लोगों के लिए आवागमन आज पहले से कहीं अधिक सुगम है।
ऊर्जा व्यवस्था में नई शक्ति — उपकेंद्रों से मजबूत हुई बिजली आपूर्ति
जिले में अनेक नए विद्युत उपकेंद्रों की स्वीकृति से बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में बड़ा सुधार हुआ है।
लो-वोल्टेज की समस्या में कमी आई है और गांवों में ट्रांसफार्मर व लाइन सुधार कार्य गति से जारी हैं।
बेहतर बिजली ने उद्योग, शिक्षा और घरेलू जिंदगी को नई ऊर्जा दी है।



