SCO समिट में भारत का कूटनीतिक मास्टरस्ट्रोक, पाकिस्तान चारों खाने चित…

तियानजिन (चीन)। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में भारत ने कूटनीति का ऐसा दांव चला, जिसने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया और पूरी दुनिया को भारत के साथ खड़ा कर दिया। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक ही कार में पहुंचे, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं। लेकिन सबसे बड़ी जीत तब मिली, जब SCO ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद पर सख्त संदेश दिया।
पहलगाम हमला और भारत की कार्रवाई...
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने मासूम पर्यटकों को निशाना बनाकर हमला किया था। इस घटना में 26 लोगों की जान गई थी। इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार किया। चार दिन चली कार्रवाई में कई ठिकाने ध्वस्त कर दिए गए।
SCO में भारत का कड़ा रुख...
जून 2025 में चीन के चिंगदाओ में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया था कि अगर बयान में आतंकवाद और उसके प्रायोजकों का जिक्र नहीं होगा तो भारत समर्थन नहीं करेगा। उसी का असर तियानजिन समिट में देखने को मिला।
मोदी का सख्त संदेश...
31 अगस्त से 1 सितंबर तक आयोजित समिट में पीएम मोदी ने अपने भाषण में स्पष्ट कहा—
पहलगाम सिर्फ भारत पर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की शांति पर हमला था। आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जो देश आतंकवाद को हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं, उन्हें बेनकाब करना होगा।
उनके बयान के बाद SCO ने ‘तियानजिन डिक्लेरेशन’ जारी किया, जिसमें पहली बार क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद का जिक्र कर पाकिस्तान पर सीधा दबाव डाला गया।
पाकिस्तान की किरकिरी, भारत की बड़ी जीत...
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ समिट में अलग-थलग पड़ गए। दूसरी ओर, चीन और रूस दोनों भारत के साथ खड़े नजर आए। मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात में सीमा पर शांति और व्यापार सहयोग पर सहमति बनी। वहीं, पुतिन के साथ मोदी की नजदीकियों ने भारत-रूस रिश्तों को और मजबूत किया।
आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति...
SCO देशों ने साइबर आतंकवाद और कट्टरपंथ को लेकर भी चर्चा की। भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को समर्थन मिला। राजनाथ सिंह ने जून में जो मजबूत नींव रखी थी, उसे पीएम मोदी ने समिट में कूटनीतिक जीत में बदल दिया।