दीपावली से पहले ‘सरस मेला 2025’ में छाया महिला उद्यमिता का जादू, 90 लाख की हुई बिक्री

रायपुर। ग्रामीण महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुका ‘सरस मेला 2025’ इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आकर्षण का केंद्र बना रहा। 8 से 18 अक्टूबर 2025 तक आयोजित इस राष्ट्रीय आयोजन ने ग्रामीण महिलाओं की उद्यमिता को नई उड़ान दी है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित इस मेले का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उनके उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान दिलाना रहा।

इस मेले में देशभर के 17 राज्यों से आई स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने भाग लिया। वहीं छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से आए समूहों ने अपने हस्तशिल्प, हैंडलूम वस्त्र, जैविक उत्पाद, पारंपरिक व्यंजन और गृह उपयोगी सामग्रियों का प्रदर्शन किया। मेले में 200 से अधिक स्टॉलों के माध्यम से प्रदर्शनी और बिक्री हुई, जिसमें 10 दिनों के भीतर करीब 60 लाख रुपये से अधिक की सामग्रियों का विक्रय किया गया।
दीपावली पर्व को ध्यान में रखते हुए महिला समूहों ने हस्तनिर्मित गिफ्ट हैम्पर्स और सजावटी उत्पादों की विशेष श्रृंखला तैयार की थी, जिन्हें ग्राहकों का जबरदस्त प्रतिसाद मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” आह्वान को भी इस मेले ने सशक्त रूप से आगे बढ़ाया।

राज्य स्तर पर आयोजित सरस मेले के अलावा, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) द्वारा प्रदेशभर में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से विभिन्न मेलों का आयोजन किया गया, जिनमें कुल 155 स्टॉलों से 15.55 लाख रुपये के उत्पाद और 14.12 लाख रुपये के दिवाली गिफ्ट हैम्पर्स की बिक्री हुई। इस प्रकार प्रदेश की “बिहान दीदियों” ने इस त्योहारी सीजन में कुल 90 लाख रुपये से अधिक का व्यापार कर आर्थिक सशक्तिकरण की नई मिसाल पेश की।

‘सरस मेला 2025’ न केवल व्यापार का मंच रहा, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं के आत्मविश्वास, रचनात्मकता और आत्मनिर्भरता की एक प्रेरणादायक मिसाल बन गया है।