सारंगढ़ में तिलहन कृषक मेला: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

सारंगढ़। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सारंगढ़ कृषि उपज मंडी प्रांगण में “तिलहन कृषक मेला सह सम्मेलन” का भव्य आयोजन किया गया। नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्व, आपदा प्रबंधन, पुनर्वास एवं उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा शामिल हुए।

मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प को साकार करने में कृषि क्षेत्र की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि
“देश में तिलहन और दलहन उत्पादन बढ़ाने से न सिर्फ खाद्य तेल के आयात पर निर्भरता घटेगी, बल्कि देश आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में भी सशक्त कदम बढ़ाएगा।”
किसानों के लिए नई तकनीकें और अवसर...
मंत्री वर्मा ने कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी और मत्स्य विभाग द्वारा लगाए गए विभिन्न प्रदर्शनी स्टॉलों का निरीक्षण किया। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूहों, हितग्राहियों और विभागीय अधिकारियों से उत्पादों और नई कृषि तकनीकों की जानकारी ली।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे मृदा परीक्षण, जैविक खेती और आधुनिक उपकरणों के उपयोग को अपनाएं, जिससे उत्पादन और आय दोनों में वृद्धि संभव हो सके।
“तिलहन फसल किसानों की आय का नया आधार बन सकती है”
मंत्री वर्मा ने कहा कि सारंगढ़ क्षेत्र की मिट्टी तिलहन उत्पादन के लिए अत्यंत उपयुक्त है। तिलहन को नगदी फसल बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से किसान अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के हित में घोषित अधिकांश वादों को पूरा कर चुकी है — जिनमें भूमिहीन कृषकों को ₹10,000 की सहायता राशि प्रमुख उपलब्धि है।

सम्मान और सहभागिता...
इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों और हितग्राहियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में जांजगीर-चांपा सांसद कमलेश जांगड़े, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय भूषण पांडेय और कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे सहित अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
प्रशासनिक व विभागीय उपस्थिति...
कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय, अपर कलेक्टर प्रकाश सर्वे, पूर्व विधायक श्रीमती केराबाई मनहर, तथा कृषि, पशुधन, मत्स्य एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

मेला परिसर में किसानों के लिए सूचना काउंटर, तकनीकी परामर्श केंद्र और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने वाले बूथ भी लगाए गए, जिनका किसानों ने उत्साहपूर्वक लाभ उठाया।



